मुंबई, 21 जून (भाषा) महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने शुक्रवार को कहा कि उनकी सरकार शक्तिपीठ एक्सप्रेस वे परियोजना को फिर से संरेखित करने की संभावनाओं पर विचार कर रही है।
मुख्यमंत्री का यह बयान विरोध प्रदर्शन के कारण प्रस्तावित शक्तिपीठ एक्सप्रेस वे के लिए जमीन अधिग्रहण का कार्य रोके जाने के दो दिन बाद सामने आया है।
उन्होंने कहा कि परियोजनाएं लोगों पर थोपी नहीं जाएंगी और उन्हें विश्वास में लिए बिना उनका क्रियान्वयन भी नहीं किया जाएगा।
प्रस्तावित 802 किलोमीटर लंबा शक्तिपीठ एक्सप्रेसवे वर्धा जिले (विदर्भ क्षेत्र में) के पवनार को तटीय सिंधुदुर्ग (कोंकण) के पतरादेवी से जोड़ेगा। पड़ोसी गोवा में प्रवेश करने से पहले एक्सप्रेसवे 12 जिलों से होकर गुजरेगा।
शिंदे ने एक बयान में कहा कि परियोजना पर आगे बढ़ने से पहले उनकी सरकार लोगों को विश्वास में लेगी।
उनकी यह टिप्पणी राज्य के विभिन्न हिस्सों में परियोजना के खिलाफ हो रहे विरोध प्रदर्शनों की पृष्ठभूमि में आई है।
उन्होंने कहा, ‘‘हम लोगों पर कोई परियोजना नहीं थोपेंगे। (नागपुर-मुंबई) समृद्धि एक्सप्रेसवे एक महत्वपूर्ण परियोजना थी, जिसे सभी हितधारकों को विश्वास में लेकर पूरा किया गया।’’
राज्य सरकार ने 19 जून को एक्सप्रेसवे परियोजना के लिए भूमि अधिग्रहण प्रक्रिया को स्थगित करने का निर्णय लिया।
राज्य के मंत्री व महाराष्ट्र राज्य सड़क विकास निगम (एमएसआरडीसी) के अध्यक्ष दादा भुसे ने कहा था कि हर जिले में सभी किसानों से बात करने और उनकी समस्याओं को समझने के बाद परियोजना के लिए भूमि का अधिग्रहण किया जाएगा।
उन्होंने कहा कि जब तक किसान संतुष्ट नहीं होंगे, भूमि अधिग्रहण नहीं किया जाएगा।
भाष यासिर पवनेश
पवनेश
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