अमरावती, 21 नवंबर (भाषा) आंध्र प्रदेश में युवजन श्रमिक रायथू कांग्रेस पार्टी (वाईएसआरसीपी) शासन के दौरान सौर ऊर्जा ठेकों के लिए कथित तौर पर रिश्वत देने को लेकर अदाणी समूह पर अमेरिकी न्याय विभाग द्वारा लगाए गए अभियोग के मुद्दे पर प्रतिक्रिया देते हुए, पार्टी ने बृहस्पतिवार को कहा कि उनका अदाणी के साथ सीधे तौर पर कोई समझौता नहीं हुआ था।
एक बयान में, वाईएसआर कांग्रेस पार्टी ने कहा कि नवंबर 2021 में आंध्र प्रदेश विद्युत विनियामक आयोग द्वारा सात हजार मेगावाट की बिजली खरीद को मंजूरी दी गई थी, जिसके बाद एक दिसंबर 2021 को ‘सोलर एनर्जी कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया लिमिटेड’ (एसईसीआई) और ‘एपी डिस्कॉम’ (आंध्र प्रदेश की बिजली वितरण कंपनियों) के बीच बिजली बिक्री समझौते (पीएसए) पर हस्ताक्षर किए गए थे।
भारत के दूसरे सबसे अमीर व्यक्ति गौतम अदाणी और उनके भतीजे सागर अदाणी सहित सात अन्य लोगों पर अमेरिकी न्याय विभाग ने महंगी सौर ऊर्जा खरीदने के लिए आंध्र प्रदेश और ओडिशा की राज्य सरकारों के अज्ञात अधिकारियों को रिश्वत देने का आरोप लगाया है।
अमेरिकी ‘अटॉर्नी’ कार्यालय के अनुसार, 2021 और 2022 में गौतम अदाणी ने सरकारी अधिकारियों से व्यक्तिगत रूप से मुलाकात की और उन्हें एसईसीआई के साथ बिजली बिक्री समझौते पर हस्ताक्षर करने के लिए रिश्वत की पेशकश की। उक्त अवधि अवधि के दौरान आंध्र प्रदेश में वाईएसआर कांग्रेस पार्टी सत्ता में थी।
पार्टी ने कहा, ‘‘यह उल्लेख करना आवश्यक है कि एसईसीआई भारत सरकार का उद्यम है। आंध्र प्रदेश की बिजली वितरण कंपनियां और अदाणी समूह से संबंधित किसी भी अन्य इकाई के बीच कोई सीधा समझौता नहीं हुआ था। इसलिए, अभियोग के मद्देनजर राज्य सरकार पर लगाए गए आरोप गलत हैं।’’
भाषा यासिर सुभाष
सुभाष
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