मुंबई, 15 अक्टूबर (भाषा) महाराष्ट्र के विपक्षी दलों ने मंगलवार को कहा कि निर्वाचन आयोग द्वारा 35 दिनों में विधानसभा चुनाव प्रक्रिया संपन्न करने की घोषणा की गई है जो आमतौर पर मिलने वाले समय से कम है और जबकि सरकार को योजनाओं की घोषणा करने के लिए पर्याप्त समय दिया गया।
विपक्षी दलों ने यह भी रेखांकित किया कि देश में उत्तर प्रदेश के बाद 288 सदस्यीय महाराष्ट्र विधानसभा सबसे बड़ी है और इसके बावजूद 20 नवंबर को एक चरण में चुनाव कराया जा रहा है जबकि इसी साल हुआ लोकसभा चुनाव राज्य में पांच चरणों में कराया गया था।
निर्वाचन आयोग द्वारा मंगलवार को घोषित चुनाव कार्यक्रम के तहत मतगणना 23 नवंबर को होगी।
निवर्तमान विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष एवं कांग्रेस नेता विजय वडेट्टीवार ने कहा, ‘‘ निर्वाचन आयोग राजनीतिक दलों को अपने उम्मीदवार तय करने, नामांकन दाखिल करने और प्रचार के लिए आम तौर पर 40 दिन का समय देता है। लेकिन इस बार यह समय 35 दिन का है जो असमान्य है और इससे हमें प्रचार के लिए भी कम समय मिलेगा।’’
उन्होंने कहा, ‘‘यह विपक्ष को कम समय देने की किसी योजना का हिस्सा हो सकता है।’’
कांग्रेस नेता ने आरोप लगाया कि शिंदे नीत शिवसेना, भाजपा और अजित पवार की राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी की ‘महायुति’ सरकार ने चुनावों के दौरान बिना सोचे-समझे योजनाओं की घोषणा की है जिससे राज्य के राजकोष पर असर पड़ेगा।
वडेट्टीवार से सवाल किया गया कि उद्धव ठाकरे नीत शिवसेना (यूबीटी), कांग्रेस और शरद पवार नीत राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एसपी) के गठबंधन महा विकास आघाडी (एमवीए) की सरकार आने पर इन योजनाओं का भविष्य क्या होगा? इस पर उन्होंने कहा, ‘‘हमने पाया कि कुछ योजनाएं राज्य पर वित्तीय बोझ डालेंगी, लेकिन हम उन सभी को खत्म नहीं करेंगे। हम उन योजनाओं की समीक्षा करेंगे और उन्हें जारी रखेंगे जिनका उद्देश्य वास्तव में लोगों की मदद करना है। इसके अतिरिक्त, हमारा प्रशासन सार्वजनिक स्थानों पर महिलाओं की सुरक्षा में सुधार को प्राथमिकता देगा।’’
राकांपा (एसपी) की महाराष्ट्र इकाई के अध्यक्ष जयंत पाटिल ने कहा, ‘‘निर्वाचन आयोग ने महाराष्ट्र में पांच चरण में लोकसभा चुनाव कराए थे लेकिन अब विधानसभा चुनाव एक चरण में कराने का फैसला किया है। यह अच्छा है कि महाराष्ट्र की राजग (राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन) एक झटके में ही हार जाएगी।’’
उन्होंने दावा किया कि विधानसभा चुनाव की घोषणा पहले हो जानी चाहिए थी, लेकिन राज्य सरकार को अधिक से अधिक कल्याणकारी योजनाओं की घोषणा करने और विकास कार्यों को मंजूरी देने के लिए पर्याप्त समय दिया गया।
शिवसेना (यूबीटी) के नेता संजय राउत ने कहा, ‘‘लोकसभा के मुकाबले ‘इंडिया’गठबंधन का हिस्सा एमवीए का प्रदर्शन बेहतर रहेगा। सीट बंटवारे के फॉर्मूले को लेकर चिंता करने की जरूरत नहीं है।’’
उन्होंने यह भी दावा किया कि ईवीएम के संभावित दुरुपयोग पर कई विपक्षी दलों द्वारा उठाए गए सवालों का निर्वाचन आयोग के अधिकारियों ने समुचित समाधान नहीं किया है।
भाषा धीरज माधव
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