पीएनबी घोटाला : गीतांजलि समूह का पूर्व कर्मी अदालत में पेश हुआ, मिली अंतरिम जमानत |

पीएनबी घोटाला : गीतांजलि समूह का पूर्व कर्मी अदालत में पेश हुआ, मिली अंतरिम जमानत

पीएनबी घोटाला : गीतांजलि समूह का पूर्व कर्मी अदालत में पेश हुआ, मिली अंतरिम जमानत

:   Modified Date:  July 18, 2024 / 10:21 PM IST, Published Date : July 18, 2024/10:21 pm IST

मुंबई, 18 जुलाई (भाषा) अरबों रुपये के पंजाब नेशनल बैंक (पीएनबी)घोटाले के आरोपी गीतांजलि समूह के पूर्व शीर्ष कार्यकारी अधिकारी सुनील वर्मा बृहस्पतिवार को यहां की विशेष धन शोधन रोधी अदालत में पेश हुए जिसने उन्हें अंतरिम जमानत दे दी।

वर्मा की अदालत में उपस्थिति के बाद केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई)ने उनकी हिरासत देने का अनुरोध किया। सीबीआई पीएनबी घोटाले से जुड़े एक मामले की जांच कर रही है।

हीरा कारोबारी मेहुल चोकसी के गीतांजलि समूह के पूर्व अंतरराष्ट्रीय व्यापार प्रमुख वर्मा 2018 में घोटाला सामने आने के बाद से फरार थे।

वह बृहस्पतिवार को अदालत के समक्ष पेश हुए। कुछ दिन पहले ही अदालत ने प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) द्वारा दर्ज धन शोधन के मामले में उनके खिलाफ जारी गैर-जमानती वारंट को निलंबित कर दिया था।

ईडी ने आरोप लगाया है कि वर्मा, चोकसी और अन्य के साथ मिलकर बैंक घोटाले की योजना बनाई थी और फर्जी कंपनियां स्थापित करने में उनकी महत्वपूर्ण भूमिका थी।

पिछली सुनवाई में विशेष न्यायाधीश एस एम मेंजोंगे ने वर्मा के खिलाफ जारी वारंट पर अमल निलंबित कर दिया था और उन्हें 18 जुलाई तक अदालत में पेश होने का निर्देश दिया था।

सीबीआई का पक्ष रख रहे विशेष लोक अभियोजक ए लिमोसिन ने वर्मा की हिरासत देने का अनुरोध करते हुए दलील दी कि उन्होंने एजेंसी के समन या नोटिस का कभी जवाब नहीं दिया। एजेंसी ने कहा कि वर्मा देश छोड़कर भाग गये थे और जांच के लिए उपलब्ध नहीं हुए थे।

लिमोसिन ने बताया कि सीबीआई द्वारा दायर पूरक आरोपपत्र में वर्मा का नाम फरार आरोपी के रूप में दर्ज है।

जांच एजेंसी ने दलील दी कि कानून के तहत जांच के लिए अनुपलब्ध व्यक्ति को आरोपपत्र दायर होने के बाद भी हिरासत में लिया जा सकता है। उसने कहा कि मामले से संबंधित ‘तथ्यों’ का पता लगाने के लिए वर्मा की हिरासत आवश्यक है।

वर्मा का पक्ष रख रहे अधिवक्ता अबाद पोंडा ने दलील दी कि ‘‘बंबई में गलत पते पर समन भेजना, तामील नहीं है।’’उन्होंने कहा कि यह वर्मा की गलती नहीं है कि उन्हें समन नहीं मिला।

पोंडा ने दलील दी कि 2017 में देश से बाहर चले जाने के बाद प्राथमिकी दर्ज की गई थी। समन अमेरिका में उनके पते पर भेजा जाना चाहिए था।

पोंडा ने कहा, ‘‘क्या आप गिरफ्तारी के बिना हिरासत की मांग कर सकते हैं?’’ उन्होंने कहा कि वर्मा की हिरासत की याचिका सुनवाई योग्य नहीं है।

न्यायाधीश ने दोनों पक्षों की दलीलें सुनने के बाद कहा कि उन्हें वादी और प्रतिवादी द्वारा जिन आदेशों का हवाला दिया गया है, उसका अध्ययन करने की जरूरत है। इसके बाद उन्होंने मामले को 20 जुलाई के लिए स्थगित कर दिया।

इस बीच न्यायाधीश ने आरोपी को अंतरिम जमानत दे दी।

हीरा कारोबारी और उसके भतीजे नीरव मोदी पर आरोप है कि उन्होंने मुंबई में बैंक की ब्रैडी हाउस शाखा के अधिकारियों को रिश्वत देकर गारंटी पत्र (एलओयू) और विदेशी साख पत्र (एफएलसी) का इस्तेमाल कर पीएनबी में 13,000 करोड़ रुपये घोटाला किया।

भाषा धीरज पवनेश

पवनेश

 

(इस खबर को IBC24 टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)