मुंबई, 19 सितंबर (भाषा) हीरा कारोबारी मेहुल चोकसी ने करोड़ों रुपये के पंजाब नेशनल बैंक घोटाले में उसे ‘भगोड़ा आर्थिक अपराधी’ घोषित करने की प्रवर्तन निदेशालय की याचिका को खारिज करने के लिए यहां विशेष पीएमएलए अदालत का रुख किया है।
चोकसी और उसका भांजा नीरव मोदी 2018 में सामने आए पीएनबी घोटाले के मुख्य आरोपी हैं।
उन्होंने ईडी के आवेदन को रद्द करने का अनुरोध करते हुए तर्क दिया कि एजेंसी ने इस विषय से जुड़ी सामग्री और आधारों के संबंध में अपनी उन दलीलों में बार-बार रुख बदला है, जिसके आधार पर उसका दावा है कि घोटाले के आरोपी को ‘भगोड़ा आर्थिक अपराधी’ घोषित किया जाना चाहिए।
ईडी चाहती है कि चोकसी को भगोड़ा आर्थिक अपराधी घोषित किया जाए और उसकी संपत्ति जब्त की जाए।
इस महीने की शुरुआत में अधिवक्ता राहुल अग्रवाल के माध्यम से धन शोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए) के तहत मामलों की सुनवाई करने वाली विशेष अदालत में दायर अपनी याचिका में चोकसी ने ईडी की कई दलीलों और जवाबों का हवाला देते हुए उसके ‘विरोधाभासी’ बयानों को उजागर किया था।
मामले की अगली सुनवाई 27 सितंबर को होगी।
भगोड़ा आर्थिक अपराधी अधिनियम के अनुसार कोई भी व्यक्ति जिसके खिलाफ भारत की किसी अदालत द्वारा सूचीबद्ध अपराध पर वारंट जारी किया गया है और वह ‘आपराधिक अभियोजन से बचने के लिए देश छोड़ चुका है या विदेश में रहते हुए, आपराधिक अभियोजन का सामना करने के लिए देश लौटने से इनकार करता है’ तो उसे भगोड़ा आर्थिक अपराधी घोषित किया जा सकता है।
चोकसी और उसके भांजे नीरव मोदी को ईडी और केन्द्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) द्वारा पीएनबी के कुछ कर्मचारियों के साथ मिलीभगत करके 13,400 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी करने के आरोप में वांछित माना जा रहा है।
ईडी ने पीएमएलए अदालत में याचिका दायर कर अनुरोध किया है कि उसके समन से बचने के कारण चोकसी को भगोड़ा आर्थिक अपराधी घोषित किया जाए तथा भगोड़ा आर्थिक अपराधी अधिनियम के तहत उसकी संपत्ति जब्त की जाए।
नीरव मोदी को पहले ही भगोड़ा आर्थिक अपराधी घोषित किया जा चुका है और वह 2019 से लंदन की जेल में है।
भाषा
शुभम पवनेश
पवनेश
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