पुणे, चार जनवरी (भाषा) केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने शनिवार को कहा कि राजनीति को लेकर उनकी राय अच्छी नहीं है, क्योंकि इसमें “इस्तेमाल करो और फेंको” की रणनीति अपनाई जाती है।
उन्होंने सवाल किया कि राजनीति में सत्तारूढ़ पार्टी में शामिल होने की होड़ रहती है, ऐसे में लोगों की विचारधारा और निष्ठा कहां चली जाती है।
केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री और भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के वरिष्ठ नेता गडकरी ने यह भी कहा कि देश में विचारधारा नहीं, बल्कि विचारों का खालीपन समस्या है।
उन्होंने कहा, “कई लोग सत्ता में आने वाली पार्टी में शामिल हो जाते हैं, ऐसे में उनकी विचारधारा और निष्ठा कहां चली जाती है? हमारे देश में विचारधारा नहीं, बल्कि विचारों का खालीपन समस्या है।”
पुणे में मराठा सेवा संघ की ओर से आयोजित एक कार्यक्रम में गडकरी ने कहा कि अगर देश को प्रगति करनी है, तो सबसे पहले अपने घर-परिवार का ख्याल रखना होगा।
एक किस्सा याद करते हुए उन्होंने कहा, “एक आदमी मेरे पास आया और बोला कि वह देश के लिए अपनी जान देना चाहता है। उस समय, उसका कारोबार ठप था, वह दिवालिया हो रहा था और घर पर उनकी पत्नी और बच्चे थे। मैंने उससे कहा कि पहले अपने घर का ख्याल रखो, फिर देश का।”
गडकरी ने कहा कि वह छत्रपति शिवाजी महाराज को अपना आदर्श मानते हैं, क्योंकि मराठा सम्राट ने लड़ाई लड़ी और जीती, लेकिन पूजा स्थलों को नष्ट नहीं किया या विरोधियों पर अत्याचार नहीं किया।
उन्होंने कहा कि शिवाजी महाराज ने अपने शासनकाल के दौरान सभी धर्मों के साथ समान व्यवहार किया और वह वास्तव में भारत के धर्मनिरपेक्ष शासक थे।
भाषा पारुल धीरज
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