पुणे, छह अक्टूबर (भाषा) महाराष्ट्र के पुणे शहर में सेना की खुफिया शाखा के कर्मियों को समर्पित देश के पहले ‘सतर्क पार्क’ का उद्घाटन किया गया है, जिसका उद्देश्य कुछ गुमनाम नायकों से जुड़े सबसे वीरतापूर्ण प्रसंगों को प्रदर्शित करना है।
इस पार्क में देश के लिए अपनी जान न्योछावर करने वाले सेना के 40 खुफिया कर्मियों की आवक्ष प्रतिमाएं स्थापित हैं। प्रत्येक प्रतिमा के साथ उनकी वीरता का संक्षिप्त विवरण है।
लेफ्टिनेंट जनरल प्रदीप कुमार चहल, खुफिया कोर के कर्नल और एमआईएनटीएसटी के कमांडेंट ने शनिवार को इस पार्क का उद्घाटन किया। इस कार्यक्रम में शहीद सैनिकों के परिवार भी शामिल हुए।
पुणे छावनी के वनवाड़ी इलाके में स्थित ‘सतर्क पार्क’ की परिकल्पना और विकास ‘रोडवेज सॉल्यूशंस इंडिया इंफ्रा लिमिटेड’ (आरएसआईएल) ने ‘मिलिट्री इंटेलीजेंस ट्रेनिंग स्कूल एंड डिपो’ (एमआईएनटीएसडी) के साथ मिलकर किया है।
अधिकारियों के अनुसार, यह सैन्य खुफिया कोर के आदर्श वाक्य ‘सदा सतर्क’ से प्रेरित है।
पार्क की एक दीवार पर खुफिया कोर का गीत अंकित और भारत माता की एक अमूर्त प्रतिमा है जो 1962 से 2020 तक के 40 शहीदों की प्रतिमाओं के साथ-साथ उनके योगदान को दर्शाती हैं।
अधिकारियों ने बताया कि इनमें से ज्यादातर सैन्य खुफिया कर्मी और अधिकारी जम्मू कश्मीर में ड्यूटी के दौरान शहीद हुए और उन्हें मरणोपरांत सैन्य सम्मान दिया गया था।
लेफ्टिनेंट जनरल चहल ने शनिवार को ‘पीटीआई-भाषा’ से कहा, ‘‘वर्ष 1962 से खुफिया कोर के शहीद नायकों को समर्पित एक पार्क विकसित करने का विचार रोडवेज सॉल्यूशंस इंडिया इंफ्रा लिमिटेड द्वारा दिया गया था। कंपनी ने मिलिट्री इंटेलीजेंस ट्रेनिंग स्कूल एंड डिपो की मदद से इस परियोजना पर काम किया और यह खूबसूरत उद्यान तैयार किया।’’
ड्यूटी के दौरान 2003 में अपनी जान न्योछावर करने वाले कैप्टन जितेश भूटानी की पत्नी लेफ्टिनेंट कर्नल लीना बजाज ने भावुक होते हुए कहा कि यह पार्क सुनिश्चित करेगा कि ये नायक गुमनाम न रहें।
भाषा
गोला संतोष
संतोष
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