(ज्ञानेश चव्हाण)
मुंबई, 24 मार्च (भाषा) महाराष्ट्र में इस साल जनवरी से अब तक सांप्रदायिक तनाव की 823 घटनाएं समाने आई हैं।अधिकारियों ने यह जानकारी दी।
अधिकारियों ने बताया कि इन घटनाओं में नागपुर में हाल ही में हुई हिंसा भी शामिल हैं, जहां छत्रपति संभाजीनगर जिले में स्थित मुगल बादशाह औरंगजेब की कब्र को हटाने की मांग को लेकर विश्व हिंदू परिषद (विहिप) और बजरंग दल के नेतृत्व में हुए प्रदर्शन के दौरान पवित्र पुस्तक की पंक्तियां लिखी चादर जलाए जाने की अफवाह फैलने के बाद हिंसक भीड़ ने 17 मार्च को नागपुर के कई इलाकों में पथराव और आगजनी की घटनाओं को अंजाम दिया था।
नागपुर हिंसा के दौरान पुलिस उपायुक्त (डीसीपी) स्तर के तीन अधिकारियों सहित 33 पुलिसकर्मी घायल हो गए थे।
हाल के दिनों में छत्रपति संभाजीनगर जिले में स्थित मुगल बादशाह औरंगजेब की कब्र को गिराने की दक्षिणपंथी संगठनों की मांग को लेकर नंदुरबार, पुणे (ग्रामीण), रत्नागिरी, सांगली, बीड और सतारा जिलों के अलावा अन्य क्षेत्रों में सांप्रदायिक अशांति देखी गई।
एक अधिकारी ने सोमवार को बताया कि महाराष्ट्र में हुए सांप्रदायिक तनाव के संबंध में विभिन्न पुलिस थानों में जनवरी में कुल 156 आपराधिक मामले दर्ज किए गए हैं, जबकि फरवरी में इस संबंध में 99 और मार्च के मध्य तक 78 मामले दर्ज किए गए थे।
उन्होंने बताया कि धार्मिक कारणों से हुए 102 मामलों को संज्ञेय अपराध के रूप में सूचीबद्ध किया गया है।
एक अधिकारी ने ‘पीटीआई-भाषा’ को बताया कि महाराष्ट्र में साल 2024 में हिंदू-मुस्लिम से संबंधित 4,836 सांप्रदायिक अपराध की घटनाएं हुईं, जिनमें से 170 घटनाएं संज्ञेय थीं और 3,106 गैर-संज्ञेय मामले थे। अधिकारी ने बताया कि इन मामलों में से 371 ऐसी घटनाएं हुईं, जो धार्मिक अपमान से संबंधित थीं।
भाषा प्रीति दिलीप
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