पुणे, 30 जनवरी (भाषा) राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (शरद चंद्र पवार) की लोकसभा सदस्य सुप्रिया सुले ने महाराष्ट्र में एक सरपंच संतोष देशमुख की हत्या की जांच को लेकर प्रदेश सरकार की आलोचना की और कहा कि हत्याकांड के 50 दिन बीत चुके हैं और कथित हत्यारों में से एक अब भी फरार है।
देशमुख की हत्या और कुछ अन्य अपराधों का जिक्र करते हुये सुप्रिया ने कहा कि वह इन मुद्दों को संसद में उठाएंगी और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से मिलने का समय भी मांगेगी ताकि उन्हें राज्य की स्थिति से अवगत कराया जा सके।
सुप्रिया ने बृहस्पतिवार को बीड में अपने पार्टी कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री और राकांपा प्रमुख अजित पवार के ‘मजबूत रुख’ की सराहना की और कहा कि अगर उन्होंने पहले ऐसा रुख अपनाया होता, तो सरपंच जीवित होते।
सरपंच देशमुख की हत्या को लेकर राजनीतिक विवाद के बीच अजित ने बृहस्पतिवार को बीड जिले में राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) के कार्यकर्ताओं से विकास परियोजनाओं को निशाना बनाकर जबरन वसूली के प्रयासों में शामिल नहीं होने के लिये कहा।
उन्होंने अपनी पार्टी के कार्यकर्ताओं से ‘स्वच्छ चरित्र’ बनाए रखने के लिये कहा। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि प्रशासन में राजनीतिक हस्तक्षेप बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।
बीड जिले के मसाजोग गांव के सरपंच देशमुख को नौ दिसंबर, 2024 को अपहरण कर प्रताड़ित किया गया और उनकी हत्या कर दी गई, क्योंकि उन्होंने कथित तौर पर बीड में एक ऊर्जा फर्म को निशाना बनाकर की जा रही जबरन वसूली के प्रयास को रोकने की कोशिश की थी।
हत्या के सिलसिले में सात लोगों को गिरफ्तार किया गया है, जबकि आरोपी कृष्ण अंधाले अब भी फरार है।
महाराष्ट्र के मंत्री और राकांपा नेता धनंजय मुंडे के सहयोगी वाल्मिक कराड को संबंधित जबरन वसूली के मामले में गिरफ्तार किया जा चुका है।
सुले ने संवाददाताओं से बातचीत में कहा, ‘‘देशमुख की हत्या में शामिल एक आरोपी घटना के 51 दिन बाद भी फरार है। वह व्यक्ति कैसे लापता हो गया? पुलिस क्या कर रही है।’’
राकांपा (एसपी) की कार्यकारी अध्यक्ष ने कहा कि वह चुप नहीं रहेंगी और उन्होंने देशमुख के साथ-साथ सोमनाथ सूर्यवंशी के लिए न्याय की मांग की जिनकी पिछले महीने महाराष्ट्र के परभणी जिले में हिंसा के बाद न्यायिक हिरासत में मृत्यु हो गई थी। कांग्रेस और शिवसेना (उबाठा) के साथ राकांपा (एसपी) विपक्षी महा विकास आघाड़ी का घटक है ।
सांसद ने कहा, ‘‘महाविकास आघाड़ी (एमवीए) के घटक के रूप में, बजट सत्र के दौरान संसद में इन सभी मुद्दों को उजागर करुंगी, जिनमें … जबरन वसूली एवं भ्रष्टाचार शामिल है। मैं (केंद्रीय गृह मंत्री) अमित शाह से भी मिलने के लिये समय मांगूंगी और उन्हें राज्य की मौजूदा स्थिति से अवगत कराऊंगी।’’
उन्होंने कहा, ‘‘बहुत से लोग इस मुद्दे (सरपंच हत्या मामले) के बारे में बोल रहे हैं, और हमारी सामूहिक मांग है कि बीड में सीआईडी द्वारा जांच किए जा रहे मामलों में नैतिक आधार पर (धनंजय मुंडे के इस्तीफे की मांग करने का) निर्णय किया जाना चाहिए।’’
सुले ने महायुति सरकार पर उसकी प्रमुख योजना लाड़की बहिन को लेकर भी निशाना साधा और पूछा कि लाभार्थियों को 2,100 रुपये प्रति माह क्यों नहीं दिए जा रहे हैं, जैसा कि पिछले साल विधानसभा चुनावों के दौरान वादा किया गया था।
इस योजना के तहत पात्र महिलाओं को 1,500 रुपये की मासिक सहायता प्रदान की जाती है। माना जा रहा है कि इस योजना ने महायुति की जीत में महत्वपूर्ण भुमिका अदा की है।
सुले ने महाकुंभ के दौरान बुधवार को उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में हुई भगदड़ पर भी चिंता व्यक्त की, जिसमें 30 लोगों की जान चली गई।
उन्होंने कहा कि पूर्व केंद्रीय मंत्री और भाजपा नेता साध्वी निरंजन ज्योति ने मांग की है कि महाकुंभ में सेना को तैनात किया जाए क्योंकि स्थानीय प्रशासन ध्वस्त हो गया है।
सुले ने तर्कवादी गोविंद पानसरे की 2015 में हुई हत्या के छह आरोपियों को बुधवार को बम्बई उच्च न्यायालय से जमानत मिलने पर भी सरकार पर निशाना साधा।
उन्होंने पूछा, ‘‘अगर सबूत नहीं हैं, तो पुलिस और सरकार क्या कर रही है।’’
भूमि विवाद को लेकर एक वरिष्ठ नागरिक पर कथित रूप से हमला करने के लिए राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के नेता बाबूराव चंदेरे पर पुणे में मामला दर्ज किए जाने के बारे में पूछे जाने पर सुले ने कहा कि अजित पवार के नेतृत्व वाली राकांपा को इस मुद्दे पर कड़ा रुख अपनाना चाहिए।
भाषा रंजन रंजन नरेश
नरेश
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(इस खबर को IBC24 टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)