ओबीसी कार्यकर्ताओं ने सरकारी प्रतिनिधिमंडल से मुलाकात के बाद 10 दिन से जारी भूख हड़ताल खत्म की |

ओबीसी कार्यकर्ताओं ने सरकारी प्रतिनिधिमंडल से मुलाकात के बाद 10 दिन से जारी भूख हड़ताल खत्म की

ओबीसी कार्यकर्ताओं ने सरकारी प्रतिनिधिमंडल से मुलाकात के बाद 10 दिन से जारी भूख हड़ताल खत्म की

:   Modified Date:  June 22, 2024 / 07:13 PM IST, Published Date : June 22, 2024/7:13 pm IST

जालना (महाराष्ट्र), 22 जून (भाषा) अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) कोटा कम न किए जाने की मांग को लेकर भूख हड़ताल कर रहे कार्यकर्ता लक्ष्मण हेक और नवनाथ वाघमारे ने शनिवार को महाराष्ट्र सरकार के प्रतिनिधिमंडल से मुलाकात के बाद अपना अनशन समाप्त कर दिया।

दोनों ने मराठा आरक्षण कार्यकर्ता मनोज जरांगे की उस मांग के विरोध में 13 जून को अनिश्चितकालीन अनशन शुरू किया था, जिसमें जरांगे ने मांग की थी कि मराठों को ओबीसी श्रेणी में आरक्षण मिलना चाहिए।

प्रतिनिधिमंडल से मुलाकात के बाद मध्य महाराष्ट्र के जालना जिले के वाडीगोद्री गांव में हेक ने संवाददाताओं से कहा, ‘‘हम अपना विरोध-प्रदर्शन अस्थायी रूप से स्थगित कर रहे हैं। अगर हमारी मांगें पूरी नहीं हुईं, तो हम इसे फिर से शुरू करेंगे।’’

उन्होंने कहा कि सरकार की मसौदा अधिसूचना पर आपत्तियों के बारे में एक ‘‘श्वेत पत्र’’ जारी किया जाना चाहिए, जिसमें ‘सगे-सोयरे’ या मराठों के रक्त संबंधियों को कुनबी प्रमाण पत्र देने की बात कही गई है।

कुनबी एक कृषक ओबीसी समुदाय है।

ओबीसी कार्यकर्ताओं से मुलाकात करने वाले 12 सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल में मंत्री छगन भुजबल, अतुल सावे, गिरीश महाजन, धनंजय मुंडे, उदय सामंत और विधान परिषद सदस्य गोपीचंद पडलकर शामिल थे।

प्रमुख ओबीसी नेता भुजबल ने संवाददाताओं को बताया कि हेक और वाघमारे को 29 जून को आरक्षण के मुद्दे पर सरकार द्वारा बुलाई गई सर्वदलीय बैठक में आमंत्रित किया गया है।

उन्होंने कहा कि शुक्रवार को मुंबई में मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे द्वारा बुलाई गई बैठक में निर्णय लिया गया कि ओबीसी कोटे को नहीं छुआ जाएगा और कुछ मराठों को जारी किए गए फर्जी कुनबी प्रमाणपत्रों के मामले में कार्रवाई की जाएगी।

जरांगे और उनके साथी मराठों के लिए कुनबी जाति प्रमाण पत्र की मांग कर रहे हैं, जबकि ओबीसी नेता इस मांग का विरोध कर रहे हैं।

भुजबल ने मराठा समुदाय से ओबीसी का दर्जा मांगने के बजाय सरकारी नौकरियों और शिक्षा में अलग से आरक्षण की मांग करने का आग्रह किया।

राकांपा के वरिष्ठ नेता ने कहा, ‘‘हमारा हिस्सा मत लीजिये।’’

उन्होंने अपने कैबिनेट सहयोगी गिरीश महाजन की भी प्रशंसा की, जिन्होंने कहा कि ‘सगे-सोयरे’(रक्त संबंधी) पर मसौदा अधिसूचना कानूनी जांच में टिक नहीं पाएगी।

ओबीसी समुदायों को एकजुट रहने का आह्वान करते हुए भुजबल ने कहा, ‘‘हम अन्याय बर्दाश्त नहीं करेंगे।’’

उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि ‘‘कुछ लोगों’’ ने बीड लोकसभा क्षेत्र में भाजपा उम्मीदवार और ओबीसी नेता पंकजा मुंडे को हराने की साजिश रची।

मुंडे को अपने निकटतम प्रतिद्वंद्वी राकांपा (शरदचंद्र पवार) उम्मीदवार से हार का सामना करना पड़ा।

भुजबल ने जाति आधारित जनगणना की मांग भी दोहराई और दावा किया कि उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस इसका समर्थन करते हैं।

भाषा शफीक दिलीप

दिलीप

 

(इस खबर को IBC24 टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)

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