'हमारे बारह' फिल्म में मुस्लिम समुदाय के खिलाफ कुछ भी नहीं : उच्च न्यायालय |

‘हमारे बारह’ फिल्म में मुस्लिम समुदाय के खिलाफ कुछ भी नहीं : उच्च न्यायालय

'हमारे बारह' फिल्म में मुस्लिम समुदाय के खिलाफ कुछ भी नहीं : उच्च न्यायालय

:   Modified Date:  June 18, 2024 / 10:29 PM IST, Published Date : June 18, 2024/10:29 pm IST

मुंबई, 18 जून (भाषा) बंबई उच्च न्यायालय ने मंगलवार को कहा कि उसने अभिनेता अन्नू कपूर अभिनीत ‘हमारे बारह’ फिल्म देखी और इसमें कुरान या मुस्लिम समुदाय के खिलाफ कुछ भी आपत्तिजनक नहीं पाया। अदालत ने इसके साथ ही कहा कि फिल्म वास्तव में महिलाओं के उत्थान के उद्देश्य से बनाई गई है।

उच्च न्यायालय ने यह भी कहा कि भारतीय जनता ‘‘भोली या मूर्ख नहीं है’’।

न्यायमूर्ति बी पी कोलाबावाला और फिरदौस पूनीवाला की पीठ ने कहा कि फिल्म का पहला ट्रेलर आपत्तिजनक था, लेकिन उसे हटा दिया गया है और फिल्म से ऐसे सभी आपत्तिजनक दृश्य हटा दिए गए हैं।

अदालत ने कहा कि यह वास्तव में एक ‘सोचने वाली फिल्म’ है और ऐसी नहीं है जहां दर्शकों से ‘अपना दिमाग घर पर रखने’ और केवल इसका आनंद लेने की उम्मीद की जाती है।

उच्च न्यायालय ने कहा, ‘‘यह फिल्म वास्तव में महिलाओं के उत्थान के लिए है। फिल्म में एक मौलाना कुरान की गलत व्याख्या करता है और वास्तव में एक मुस्लिम व्यक्ति दृश्य में उसी पर आपत्ति जताता है। इसलिए यह दर्शाता है कि लोगों को अपने विवेक का इस्तेमाल करना चाहिए और ऐसे मौलानाओं का आँख मूंदकर अनुसरण नहीं करना चाहिए।’’

इस महीने की शुरुआत में उच्च न्यायालय में कई याचिकाएँ दायर की गई थीं, जिसमें दावा किया गया था कि यह मुस्लिम समुदाय के लिए अपमानजनक है और इसमें कुरान में कही गई बातों को तोड़-मरोड़ कर पेश किया गया है।

हालांकि, शुरुआत में उच्च न्यायालय ने फिल्म की रिलीज़ को स्थगित कर दिया था, लेकिन बाद में निर्माताओं द्वारा यह कहने के बाद कि केंद्रीय फिल्म प्रमाणन बोर्ड (सीबीएफसी) के निर्देशानुसार आपत्तिजनक अंशों को हटा दिया जाएगा, उसने रिलीज़ की अनुमति दे दी।

इसके बाद याचिकाकर्ताओं ने उच्चतम न्यायालय का रुख किया, जिसने पिछले सप्ताह फिल्म की रिलीज़ पर रोक लगा दी और उच्च न्यायालय को सुनवाई करने और उचित निर्णय लेने का निर्देश दिया।

मंगलवार को, न्यायमूर्ति कोलाबावाला की अगुवाई वाली पीठ ने कहा कि उसने सभी आपत्तिजनक अंशों को हटाने के बाद फिल्म देखी है और इसमें ऐसा कुछ भी नहीं मिला है, जो हिंसा भड़काए। अदालत ने कहा कि उसके पास कुछ दृश्यों पर कुछ सुझाव हैं, जो अभी भी थोड़े आपत्तिजनक हो सकते हैं।

पीठ ने कहा कि यदि सभी संबंधित पक्ष आपत्तिजनक हिस्सों को हटाने पर सहमत होते हैं, तो सहमति शर्तें प्रस्तुत की जा सकती हैं, जिसके बाद न्यायालय बुधवार को फिल्म को रिलीज करने की अनुमति देते हुए आदेश पारित करेगा।

हालांकि, पीठ ने कहा कि वह सेंसर बोर्ड से प्रमाणन प्राप्त करने से पहले ही फिल्म का ट्रेलर रिलीज करने के लिए फिल्म निर्माताओं पर जुर्माना लगाएगी।

भाषा दिलीप माधव

माधव

 

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