गर्मियों में हवाओं के उत्तर की ओर चलने से उत्तर-मध्य भारत में बिगड़ रही स्थिति : आईआईटीबी अध्ययन |

गर्मियों में हवाओं के उत्तर की ओर चलने से उत्तर-मध्य भारत में बिगड़ रही स्थिति : आईआईटीबी अध्ययन

गर्मियों में हवाओं के उत्तर की ओर चलने से उत्तर-मध्य भारत में बिगड़ रही स्थिति : आईआईटीबी अध्ययन

:   Modified Date:  October 21, 2024 / 09:45 PM IST, Published Date : October 21, 2024/9:45 pm IST

मुंबई, 21 अक्टूबर (भाषा) भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान बंबई (आईआईटीबी) के जलवायु अध्ययन केंद्र द्वारा किए गए एक अध्ययन में कहा गया है कि 1998 के बाद से गर्मियों में हवाओं का रुख उत्तर की ओर होने से उत्तर-मध्य भारत में गर्मी की स्थिति बिगड़ रही है।

अध्ययन में कहा गया है कि हवाओं का यह रुख क्षेत्र में गर्मियों में पड़ने वाली भीषण गर्मी की आवृत्ति, अवधि और कुल संचयी गर्मी में 25 प्रतिशत भिन्नताओं के लिए जिम्मेदार है।

अनुसंधानकर्ताओं ने कहा कि हवाओं के रुख में यह परिवर्तन संभवतः प्रशांत महासागर के तापमान में 1998 के आसपास हुई वृद्धि के कारण हुआ है जो संभवतः पृथ्वी के औसत तापमान में क्रमिक वृद्धि (ग्लोबल वार्मिंग) के कारण और भी बदतर हो गया।

अध्ययन के प्रमुख लेखक आईआईटी बंबई के डॉ. रोशन झा ने कहा, ‘‘हमने पाया कि 1998 से लेकर अब तक, उत्तर-मध्य भारत में मानसून-पूर्व गर्मी के मौसम में तापमान में लगभग 0.7 डिग्री सेल्सियस की वृद्धि हुई है। यह वृद्धि ‘उपोष्णकटिबंधीय पश्चिमी जेट’ के रूप में जानी जाने वाली मजबूत ऊपरी क्षोभमंडलीय हवाओं के उत्तर की ओर बढ़ने के कारण प्रतीत होती है।’’

उन्होंने रेखांकित किया कि यह परिवर्तन सिर्फ भारत को ही प्रभावित नहीं कर रहा है, बल्कि पड़ोसी पाकिस्तान और पश्चिम एशिया जैसे क्षेत्रों को भी प्रभावित कर रहा है।

रिपोर्ट में कहा गया है कि उत्तर-मध्य भारत को मानसून से पहले के महीनों में अकसर खतरनाक गर्मी का सामना करना पड़ता है।

वैज्ञानिकों को पता है कि ग्लोबल वार्मिंग इन गर्म हवाओं को बदतर बना रही है, लेकिन नए अध्ययन से पता चलता है कि वायुमंडल में ऊपर हवा के रुख में बदलाव भी इस परिवर्तन में एक बड़ी भूमिका निभा रहा है।

भाषा

नेत्रपाल रंजन

रंजन

 

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