रेलवे के निजीकरण का सवाल ही नहीं, किफायती सेवा पर ध्यान : वैष्णव |

रेलवे के निजीकरण का सवाल ही नहीं, किफायती सेवा पर ध्यान : वैष्णव

रेलवे के निजीकरण का सवाल ही नहीं, किफायती सेवा पर ध्यान : वैष्णव

:   Modified Date:  October 4, 2024 / 09:32 PM IST, Published Date : October 4, 2024/9:32 pm IST

नासिक, चार अक्टूबर (भाषा) केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने शुक्रवार को कहा कि रेलवे के निजीकरण का कोई सवाल ही नहीं है और राष्ट्रीय परिवहन सेवा प्रदाता का ध्यान सभी को किफायती सेवा प्रदान करने पर है।

रेल मंत्री ने यहां कहा कि इसका उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि लोग 400 रुपये से कम खर्च में 1,000 किलोमीटर तक आराम से यात्रा कर सकें।

उन्होंने यहां रेलवे सुरक्षा बल (आरपीएफ) के स्थापना दिवस समारोह को संबोधित करते हुए कहा, “अगले पांच वर्षों में रेलवे का पूर्ण कायाकल्प होगा। वंदे भारत, नमो भारत जैसी ट्रेनें, कवच ट्रेन सुरक्षा तंत्र की तैनाती इस बदलाव का नेतृत्व करेंगी। यह रेलवे के परिवर्तन का युग है।”

वैष्णव ने कहा, “रेलवे के निजीकरण का कोई सवाल ही नहीं है। मैं ऐसी अफवाहें फैलाने वालों से आग्रह करता हूं कि वे याद रखें कि रेलवे और रक्षा भारत की दो रीढ़ हैं और उन्हें हर तरह की राजनीति से दूर रखा जाना चाहिए। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने सुनिश्चित किया है कि रेलवे का राजनीतिकरण बंद हो। उनका ध्यान प्रदर्शन, सुरक्षा, तकनीक और सभी को किफायती सेवा प्रदान करने पर है।”

उन्होंने कहा कि वर्तमान में रेल बजट 2.5 लाख करोड़ रुपये है और पिछले 10 वर्षों में 31,000 किलोमीटर नयी पटरियां बिछाई गयी हैं, जो फ्रांस के नेटवर्क से भी अधिक है।

आरपीएफ के बारे में उन्होंने कहा कि बल के क्षेत्रीय केंद्रों के उन्नयन के लिए 35 करोड़ रुपये निर्धारित किए गए हैं, जबकि सेवा नियमों और पदोन्नति से संबंधित विभिन्न मांगों पर विचार किया जा रहा है।

उन्होंने कहा, “हमारी योजना अगले छह सालों में 3,000 रेल सेवाएं शुरू करने की है। संप्रग शासन के दौरान महाराष्ट्र को रेलवे कार्यों के लिए 1,171 करोड़ रुपये मिलते थे। मोदी सरकार के कार्यकाल में यह आंकड़ा बढ़कर 15,940 करोड़ रुपये हो गया है। राज्य में बुलेट ट्रेन खंड के लिए 33,000 करोड़ रुपये और समर्पित माल ढुलाई गलियारे के राज्य चरण के वास्ते 12,500 करोड़ रुपये की राशि निर्धारित की गई है।”

उन्होंने कहा कि मराठवाड़ा को बंदरगाह सुविधाओं से जोड़ने के लिए 7,000 करोड़ रुपये की परियोजना की योजना बनाई गयी है, जबकि जालना-जलगांव और इंदौर-मुंबई सीधी संपर्क परियोजनाओं को मंजूरी दे दी गई है।

मंत्री ने कहा, “कुल मिलाकर महाराष्ट्र में रेलवे परियोजनाओं में कुल निवेश 1.64 लाख करोड़ रुपये है। अमृत भारत स्टेशन परियोजना के तहत 1,337 स्टेशनों की पहचान की गई है, जिनमें से 132 महाराष्ट्र में हैं।”

भाषा प्रशांत रंजन

रंजन

 

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