(सागर कुलकर्णी)
मुंबई, 14 नवंबर (भाषा) महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव से पहले भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के हिंदुत्व के एजेंडे को लेकर अजित पवार नीत राकांपा में बढ़ती असहज स्थिति के संकेतों के बीच शिवसेना सांसद मिलिंद देवड़ा ने कहा कि सत्तारूढ़ महायुति में कोई गतिरोध नहीं है।
वर्ली विधानसभा सीट पर शिवसेना (यूबीटी) के विधायक आदित्य ठाकरे के खिलाफ किस्मत आजमा रहे पूर्व केंद्रीय मंत्री देवड़ा ने विपक्षी महा विकास आघाडी (एमवीए) गठबंधन पर निशाना साधा और उस पर मुंबई तथा महाराष्ट्र में विकास परियोजनाओं में अवरोध पैदा करने का आरोप लगाया।
राज्यसभा सदस्य देवड़ा ने यहां ‘पीटीआई-भाषा’ को दिए साक्षात्कार में कहा कि महाराष्ट्र के मतदाता संविधान खतरे में होने के एमवीए के झूठे विमर्श को खारिज कर देंगे।
उन्होंने कहा, ‘‘महायुति एक है और पूरी क्षमता के साथ चुनाव लड़ रही है। मैं एमवीए के बारे में यह बात नहीं कह सकता।’’
महाराष्ट्र में 20 नवंबर को होने वाले विधानसभा चुनाव में मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाली शिवसेना, भाजपा और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) के महायुति गठबंधन का राकांपा (एसपी), शिवसेना (यूबीटी) और कांग्रेस के गठबंधन एमवीए से कड़ा मुकाबला है।
विधानसभा चुनावों के लिए प्रचार अभियान के अंतिम चरण में पहुंचने के साथ ही राकांपा नेताओं ने भाजपा के प्रचार अभियान के ‘बंटेंगे तो कटेंगे’ नारे पर असहज होने का संकेत दिया है और यहां तक कि सत्तारूढ़ गठबंधन के सत्ता में लौटने की स्थिति में शासन के लिए एक साझा न्यूनतम कार्यक्रम बनाने का आह्वान किया है।
धारावी पुनर्विकास परियोजना पर, जिसके बारे में शिवसेना (यूबीटी) ने घोषणा की है कि सत्ता में आने पर वह इसे रद्द कर देगी, मिलिंद देवड़ा ने कहा कि यह पहल पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी, शिवसेना के संस्थापक बालासाहेब ठाकरे और उनके दिवंगत पिता मुरली देवड़ा के सपने पर आधारित है।
उन्होंने कहा, ‘‘आपको किसी एक डेवलपर से परेशानी हो सकती है। आप उस डेवलपर को नापसंद कर सकते हैं, डेवलपर को बदल सकते हैं। लेकिन धारावी के दो लाख लोगों को घर पाने से वंचित मत कीजिए।’’
देवड़ा ने कहा, ‘‘आप कब तक एशिया की सबसे बड़ी झुग्गी बस्ती का तमगा लेकर घूमते रहेंगे?’’
उन्होंने यह भी कहा कि महाराष्ट्र की जनता ने कुछ महीने पहले लोकसभा चुनाव के दौरान एमवीए के संविधान खतरे में होने के ‘झूठे विमर्श’ को देखा है।
उन्होंने कहा, ‘‘लोकसभा चुनाव में सरकार के खिलाफ, महायुति के खिलाफ बहुत बड़ा झूठा प्रचार किया गया कि अगर मोदी जी फिर से प्रधानमंत्री बन गए तो चुनाव नहीं होंगे और संविधान बदल दिया जाएगा। लोगों ने देखा है कि ऐसा कुछ नहीं हुआ।’’
देवड़ा ने कहा कि महाराष्ट्र में एकनाथ शिंदे सरकार ने पिछले छह महीने में अनेक अवसंरचना परियोजनाएं शुरू की हैं जिसने सत्तारूढ़ गठजोड़ को लेकर जनता की धारणाएं बदल दी हैं।
उन्होंने कहा, ‘‘मुझे लगता है कि हरियाणा चुनाव में भाजपा की जीत ने इस विमर्श को खारिज कर दिया है जिसे हरियाणा में भी फैलाया जा रहा था। मुझे विश्वास है कि झूठे विमर्श का दौर समाप्त हो चुका है। अब यह चुनाव पूरी तरह विकास पर होगा और इस बारे में होगा कि मुंबई और महाराष्ट्र को कौन आगे ले जाना चाहता है।’’
पूर्व मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे के बेटे आदित्य से अपने मुकाबले के बारे में पूछे जाने पर मिलिंद देवड़ा ने दावा किया कि वर्ली के मतदाताओं के बीच यह भावना है कि शिवसेना (यूबीटी) विकास कार्यों को अवरुद्ध कर रही है।
शिवसेना उम्मीदवार ने कहा, ‘‘उद्धवजी महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री थे, आदित्य अपने पिता की सरकार में शामिल थे। (लोकसभा सदस्य) अरविंद सावंत केंद्रीय मंत्रिमंडल के सदस्य थे। इतनी सारी शक्ति वर्ली में केंद्रित थी। फिर भी, वर्ली के लिए जो किया जा सकता था, वह नहीं हुआ।’’
देवड़ा इस साल की शुरुआत में कांग्रेस छोड़कर मुख्यमंत्री शिंदे की अगुवाई वाली पार्टी में शामिल हो गए थे।
भाषा वैभव माधव
माधव
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