मुंबई, आठ अक्टूबर (भाषा) बम्बई उच्च न्यायालय ने सड़कों की खराब स्थिति और गड्ढों के मुद्दे पर 2018 के आदेशों का कथित रूप से पालन न करने के लिए महाराष्ट्र स्थित विभिन्न नगर निकायों के खिलाफ अवमानना की कार्यवाही शुरू करने से मंगलवार को इनकार कर दिया।
अदालत ने कहा कि इस मामले में नेक प्रयास किए गए हैं और आदेश के अनुपालन में उल्लेखनीय प्रगति हुई है।
हालांकि, मुख्य न्यायाधीश डी के उपाध्याय और न्यायमूर्ति अमित बोरकर की खंडपीठ ने कहा कि वह 2013 की उस जनहित याचिका (पीआईएल) की सुनवाई फिर से शुरू कर रही है, जिसे अदालत ने स्वत: संज्ञान लेते हुए प्रारंभ की थी, क्योंकि यह मुद्दा लोगों के कल्याण से जुड़ा है।
पीठ ने कहा कि बेहतर सड़क एवं फुटपाथों की सुविधाएं हासिल करना नागरिकों का मौलिक अधिकार है तथा नगर निकाय प्राधिकारियों का यह दायित्व है कि वे सुनिश्चित करें कि उन्हें ऐसी स्थिति में बनाए रखा जाए, जिससे लोग उनका प्रभावी ढंग से उपयोग कर सकें।
अदालत ने वकील रुजू ठक्कर की याचिका का निपटारा कर दिया, जिसमें गड्ढों के मुद्दे पर 2018 में पारित आदेशों का पालन न करने के लिए मुंबई, नवी मुंबई, कल्याण-डोंबिवली, वसई-विरार, ठाणे और मीरा भायंदर के नगर निगमों के खिलाफ अवमानना कार्रवाई की मांग की गई थी।
भाषा सुरेश दिलीप
दिलीप
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