(तस्वीरों के साथ जारी)
सांगली (महाराष्ट्र), आठ नवंबर (भाषा) केंद्रीय मंत्री अमित शाह ने महाराष्ट्र के सांगली में शुक्रवार को एक चुनावी रैली में विपक्ष पर जोरदार हमला करते हुए कहा कि न तो कांग्रेस नेता राहुल गांधी और न ही उनकी चौथी पीढ़ी जम्मू-कश्मीर को विशेष दर्जा देने वाले अनुच्छेद 370 को वापस ला पाएगी।
जम्मू-कश्मीर विधानसभा ने पूर्ववर्ती राज्य का विशेष दर्जा बहाल करने के लिए केंद्र और निर्वाचित प्रतिनिधियों के साथ बातचीत करने की मांग वाला प्रस्ताव बुधवार को पारित किया था। घाटी के कई राजनीतिक दलों ने इस कदम की सराहना की लेकिन मुख्य विपक्षी दल भाजपा ने इसका विरोध किया तथा इसे वापस लेने की मांग की।
पांच अगस्त, 2019 को जम्मू कश्मीर को विशेष दर्जा देने वाला प्रावधान समाप्त कर, इसे दो केंद्र शासित प्रदेशों – जम्मू कश्मीर एवं लद्दाख – में विभाजित कर दिया गया था।
महायुति (सत्तारूढ़ गठबंधन) के उम्मीदवारों सुधीर गाडगिल और संजय काका पाटिल के लिए सांगली में एक रैली को संबोधित करते हुए केंद्रीय मंत्री ने कहा कि कांग्रेस इस प्रयास में जम्मू-कश्मीर में सत्तारूढ़ नेकां का समर्थन कर रही है।
वरिष्ठ भाजपा नेता ने कहा, ‘‘छत्रपति शिवाजी महाराज की धरती से मैं राहुल बाबा आपको बता रहा हूं कि न तो आप और न ही आपकी चौथी पीढ़ी अनुच्छेद 370 को बहाल कर पाएगी। देश का हर बच्चा कश्मीर के लिए लड़ने के लिए तैयार है।’’
शाह ने कहा, ‘‘जब प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने अनुच्छेद 370 को हटाने का फैसला लिया था तब मैं (संसद में) विधेयक लेकर आया था, लेकिन राहुल गांधी, शरद पवार, ममता बनर्जी, अखिलेश यादव और (एम के) स्टालिन ने इस कदम का विरोध किया था। उन्होंने कहा था कि अनुच्छेद 370 को न हटाएं क्योंकि इससे घाटी में खून-खराबा होगा। खून की नदियां बहना तो दूर, किसी ने पत्थर फेंकने तक की हिम्मत नहीं की।’’
शाह ने कहा कि सोनिया गांधी और मनमोहन सिंह की पूर्ववर्ती संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (संप्रग) सरकार के दौरान आतंकवादी हमले अक्सर होते थे, लेकिन मोदी के प्रधानमंत्री बनने के बाद उरी और पुलवामा की घटनाओं के जवाब में ‘सर्जिकल स्ट्राइक’ की गईं, जिससे पाकिस्तान में आतंकवादियों का सफाया हो गया।
उन्होंने कहा कि मोदी के प्रयासों से अयोध्या में भव्य राम मंदिर का निर्माण हुआ जिसे कांग्रेस पिछले 70 वर्ष से रोक रही थी।
उन्होंने कहा, ‘‘मोदी के सत्ता में आने के बाद पांच साल में अदालत का फैसला आया, मंदिर की आधारशिला रखी गई, इसका निर्माण हुआ और प्राण प्रतिष्ठा समारोह हुआ।’’
शाह ने भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) पर हमला करने के लिए अपनी रैलियों में संविधान की प्रति दिखाने को लेकर कांग्रेस नेता राहुल गांधी पर निशाना साधते हुए कहा कि संविधान कोई चुनावी एजेंडा नहीं है।
उन्होंने कहा, ‘‘संविधान का मतलब विश्वास है लेकिन ये लोग (कांग्रेस) संविधान के नाम पर वोट मांग रहे हैं और झांसा दे रहे हैं। आज एक चुनावी रैली में संविधान की प्रतियां बांटी गईं। पुस्तक का आवरण ठीक था लेकिन अंदर के पन्ने खाली थे। उस पर एक भी शब्द नहीं छपा था। गांधी ने संविधान का अपमान किया है, बाबासाहेब अंबेडकर और भारत के लोगों का अपमान किया है।’’
शाह ने कहा कि गांधी को लोगों को बताना चाहिए कि संसद में सांसद के रूप में शपथ लेते समय उन्होंने संविधान की जो प्रति अपने हाथ में ली थी, वह असली थी या नकली।
शाह ने कहा, ‘‘गांधी ने हाल में कहा था कि देश को आरक्षण की जरूरत नहीं है लेकिन जब तक मोदी सरकार सत्ता में है, किसी में संविधान को छूने की हिम्मत नहीं है। एससी (अनुसूचित जाति), एसटी (अनुसूचित जनजाति) और ओबीसी (अन्य पिछड़ा वर्ग) के लिए आरक्षण वैसा ही रहेगा जैसा हमेशा से है।’’
महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव 20 नवंबर को होंगे और नतीजे 23 नवंबर को घोषित किए जाएंगे।
भाषा सिम्मी रंजन
रंजन
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