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मुंबई, तीन सितंबर (भाषा)राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने मंगलवार को महिलाओं के प्रति नजरिए में बदलाव की जरूरत पर जोर देते हुए कहा कि उनके सामाजिक-आर्थिक और शैक्षिक विकास के बिना देश की प्रगति पूरी तरह से साकार नहीं हो सकती।
मुंबई में महाराष्ट्र विधान परिषद के शताब्दी समारोह को संबोधित करते हुए मुर्मू ने कहा कि भारत की आधी आबादी महिलाओं की है और देश को आगे ले जाने के लिए विभिन्न क्षेत्रों में उनकी सक्रिय भागीदारी आवश्यक है।
उन्होंने कहा, ‘‘महिलाओं की सामाजिक-आर्थिक और शैक्षिक प्रगति के बिना देश का विकास उस तरह नहीं हो सकता जैसा होना चाहिए।’’
राष्ट्रपति ने जोर दिया, ‘‘महिलाओं के प्रति हमारे नजरिए में बदलाव की जरूरत है।’’ उनकी यह टिप्पणी महिलाओं के खिलाफ अपराध के हाल के मामलों की पृष्ठभूमि में आई है। इनमें कोलकाता के एक सरकारी अस्पताल में एक जूनियर महिला चिकित्सक के साथ दुष्कर्म और हत्या की घटना भी शामिल है, जिससे व्यापक आक्रोश पैदा हुआ है।
उन्होंने मराठा सम्राज्य के संस्थापक एवं महान योद्धा छत्रपति शिवाजी महाराज की वीरमाता जीजाबाई और महिला शिक्षा के क्षेत्र में अग्रणी समाज सुधारक सावित्रीबाई फुले के योगदान की भी सराहना की।
भाषा धीरज अविनाश
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