मुंबई, सात नवंबर (भाषा) राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (शरद पवार) की कार्यकारी अध्यक्ष सुप्रिया सुले ने कहा कि विपक्षी महा विकास आघाडी (एमवीए) गठबंधन का महाराष्ट्र सरकार की प्रमुख ‘लाडकी बहिन योजना’ का विरोध करने का कोई इरादा नहीं है, लेकिन उन्होंने बढ़ती महंगाई के मद्देनजर इस योजना के तहत प्रदान की जाने वाली राशि पर सवाल उठाए।
लाडकी बहिन योजना के तहत 2.5 लाख रुपये से कम वार्षिक पारिवारिक आय वाली महिलाओं को सहायता के रूप में 1500 रुपये प्रति माह दिए जाते हैं।
आगामी 20 नवंबर को होने जा रहे महाराष्ट्र विधानसभा चुनावों से पहले इस योजना को परिवर्तनकारी बताए जाने पर लोकसभा सदस्य सुले ने ‘पीटीआई-भाषा’ को दिए साक्षात्कार में कहा, ‘‘यह सब इस बात पर निर्भर करता है कि आप इसे कैसे देखते हैं और यह कौन कह रहा है।’
उन्होंने कहा, ‘महिलाओं को 1,500 रुपये दिए जा रहे हैं जबकि तेल की कीमतें, खाद्य मुद्रास्फीति अपने उच्चतम स्तर पर है। दिवाली के दौरान बिक्री में गिरावट आई और राज्य की जीडीपी (सकल घरेलू उत्पाद) भी अच्छी नहीं है। महिलाओं के खिलाफ अपराध बढ़ गए हैं।’
सुले ने कहा कि राकांपा (एसपी), कांग्रेस और शिवसेना (यूबीटी) का गठबंधन महा विकास आघाडी (एमवीए) ‘लाडकी बहन योजना’ का विरोध करने का प्रयास नहीं कर रहा है।
उन्होंने कहा, ‘कांग्रेस सरकार महिलाओं के लिए ‘संजय गांधी निराधार योजना’ लेकर आई थी। हमने इसका ढोल नहीं पीटा था। जरूरतमंद लोगों को मदद की जरूरत थी, इसलिए सरकार आगे आई। हमने इसका इतना प्रचार-प्रसार नहीं किया।’
सुले ने कहा कि एमवीए यह सुनिश्चित करेगा कि महिलाओं को मिलने वाले वित्तीय लाभ के साथ-साथ उन्हें स्वास्थ्य देखभाल और सुरक्षा जैसी सुविधाएं प्रदान की जाएं।
सुले ने यह भी कहा कि उनकी पार्टी को कांग्रेस से कभी कोई समस्या नहीं रही।
उन्होंने कहा, ‘हम 24 वर्षों से सहयोगी हैं और यह सब सुचारू रूप से चल रहा है।’
सांसद ने कहा कि उन्हें यह समझ में नहीं आता कि पवार परिवार के गढ़ बारामती में मतदाता क्यों भ्रमित होंगे। अगर वे लोकसभा चुनाव में भ्रमित नहीं थे, तो अब क्यों होंगे।
उन्होंने कहा, ‘मतदाता बुद्धिमान हैं। उन पर पूरा भरोसा रखें।’
सुले के चचेरे भाई और महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री अजित पवार बारामती विधानसभा सीट पर अपने भतीजे युगेंद्र पवार के खिलाफ चुनाव लड़ रहे हैं।
अमेरिका में राष्ट्रपति पद के लिए डोनाल्ड ट्रंप के चुनाव जीतने पर पर सुले ने कहा कि भारत-अमेरिका संबंधों की मजबूत नींव (तत्कालीन प्रधानमंत्री) मनमोहन सिंह और बराक ओबामा ने रखी थी।
उन्होंने कहा, ‘‘मुझे कोई बदलाव नहीं दिखता, मुझे तो मनमोहन सिंह जी की विरासत लगातार आगे बढ़ती हुई नजर आती है।’
सुले ने कहा कि उन्हें इस बात पर आश्चर्य हो रहा है कि उनके पिता और राकांपा (एसपी) प्रमुख शरद पवार के संसदीय राजनीति से संन्यास लेने के बयान की चर्चा क्यों हो रही है।
उन्होंने कहा, ‘उन्होंने अभी-अभी कहा है कि वह संसदीय राजनीति में पीछे हटना चाहते हैं। जब तक उनका राज्यसभा का कार्यकाल समाप्त होगा, तब तक वे 85 वर्ष के हो जाएंगे। अगर वे किसानों और वंचित लोगों के लिए काम करना जारी रखना चाहते हैं, तो यह एक अच्छी बात है।’
भाषा योगेश मनीषा
मनीषा
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