मुंबई, 11 जनवरी (भाषा) राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) की महाराष्ट्र इकाई के अध्यक्ष सुनील तटकरे ने शनिवार को कहा कि स्थानीय निकाय चुनाव अकेले लड़ने का शिवसेना (यूबीटी) का फैसला विधानसभा चुनाव में भारी हार के कारण एमवीए में पैदा हुई बेचैनी को दर्शाता है।
शिवसेना (यूबीटी) नेता संजय राउत द्वारा पार्टी के स्थानीय निकाय चुनाव अकेले लड़ने की घोषणा पर प्रतिक्रिया देते हुए तटकरे ने यह बात कही। राकांपा नेता ने कहा कि ‘इंडिया’ गुट और महा विकास आघाडी (एमवीए) उस एकमात्र एजेंडे के कारण अस्तित्व में आए जिसका उद्देश्य प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का विरोध करना था।
तटकरे ने संवाददाताओं से कहा, ‘‘एमवीए अब भी महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में मिली हार को पचा नहीं पा रहा है। विपक्षी गुट में दोषारोपण की होड़ चल रही है। स्थानीय निकाय चुनावों में अकेले उतरने की यह घोषणा केंद्र और राज्य में मजबूत तथा स्थिर सरकारों को लेकर बेचैनी को दर्शाती है।
भारतीय जनता पार्टी (भाजपा), शिवसेना और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) के महायुति गठबंधन को हाल ही में हुए विधानसभा चुनाव में 288 सीट में से 230 सीट पर विजय मिली, जबकि एमवीए की सीट संख्या घटकर 46 रह गई। शिवसेना (उबाठा) को 20 सीट, कांग्रेस को 16 और राकांपा (शरदचंद पवार) को 10 सीट से संतोष करना पड़ा था।
तटकरे ने कहा कि महायुति के घटक दल भाजपा, शिवसेना और राकांपा के बीच उत्कृष्ट समन्वय है। उन्होंने कहा, ‘‘स्थानीय निकायों के चुनाव लड़ने पर निर्णय (जिसका कार्यक्रम अभी घोषित नहीं किया गया है) महायुति गठबंधन के नेताओं द्वारा आमसहमति से लिया जाएगा।’’
भाषा संतोष पवनेश
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