एमवीए ने महाराष्ट्र मानसून सत्र की पूर्व संध्या पर मुख्यमंत्री की चाय पार्टी का बहिष्कार किया |

एमवीए ने महाराष्ट्र मानसून सत्र की पूर्व संध्या पर मुख्यमंत्री की चाय पार्टी का बहिष्कार किया

एमवीए ने महाराष्ट्र मानसून सत्र की पूर्व संध्या पर मुख्यमंत्री की चाय पार्टी का बहिष्कार किया

:   Modified Date:  June 26, 2024 / 06:21 PM IST, Published Date : June 26, 2024/6:21 pm IST

मुंबई, 26 जून (भाषा) महाराष्ट्र में विपक्षी महा विकास आघाडी (एमवीए) गठबंधन ने विधानसभा के मानसून सत्र की पूर्व संध्या पर बुधवार को मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे की चाय पार्टी का बहिष्कार किया और सरकार पर किसानों सहित आम जनता के मुद्दों का समाधान करने में विफल रहने का आरोप लगाया।

यह घोषणा विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष कांग्रेस के विजय वडेट्टीवार और गठबंधन सहयोगी शिवसेना (उद्धव बालासाहेब ठाकरे) के अंबादास दानवे ने की।

प्रत्येक विधानमंडल सत्र से पहले होने वाली परम्परागत चाय पार्टी बुधवार शाम को आयोजित की जानी है।

मुंबई में 27 जून से 12 जुलाई तक आयोजित होने वाले सत्र के दौरान महायुति गठबंधन सरकार 28 जून को विधानमंडल के दोनों सदनों में राज्य का बजट पेश करेगी।

लोकसभा चुनावों को देखते हुए राज्य का अंतरिम बजट फरवरी में पेश किया गया था।

वडेट्टीवार ने कहा, ‘विपक्षी दलों ने महायुति गठबंधन सरकार के भ्रष्टाचार में लिप्त होने के विरोध में ‘हाई-टी’ का बहिष्कार करने का निर्णय लिया है। उन्होंने किसानों की दुर्दशा को नजरअंदाज किया और विभिन्न परियोजनाओं की लागत में वृद्धि के माध्यम से करदाताओं के पैसे की ठगी की है।’

वडेट्टीवार और उनकी पार्टी के ही सहयोगी बालासाहेब थोराट, राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (शरदचंद्र पवार) विधायक जितेंद्र अव्हाड और दानवे के अलावा छोटे दलों के नेताओं ने संवाददाता सम्मेलन में भाग लेकर एकजुटता दिखाई।

वडेट्टीवार ने सरकार पर स्मार्ट बिजली मीटर और एम्बुलेंस खरीदने में बड़े पैमाने पर लागत में वृद्धि का भी आरोप लगाया।

उन्होंने कहा, ‘स्मार्ट बिजली मीटर की वास्तविक लागत 2,900 रुपये प्रति यूनिट है और स्थापना शुल्क लगभग 350 रुपये है। हालांकि, राज्य सरकार ने 12,500 रुपये प्रति यूनिट की दर से मीटर खरीदने की योजना बनाई है और इसका ठेका अडाणी को दिया गया है।’

वडेट्टीवार ने दावा किया कि नई एम्बुलेंस खरीदने की लागत 3,000 करोड़ रुपये है, लेकिन राज्य सरकार ने 10,000 करोड़ रुपये का टेंडर जारी किया है।

उन्होंने सरकार पर किसानों को नजरअंदाज करने का भी आरोप लगाया। साथ ही उन्होंने दावा किया कि बार-बार मांग किये जाने के बावजूद मुख्यमंत्री शिंदे किसानों के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य बढ़ाने में विफल रहे हैं।

वडेट्टीवार ने कहा, ‘कपास की खरीद कीमत में केवल सात प्रतिशत की वृद्धि हुई है, जबकि दाल या तुअर में आठ प्रतिशत की वृद्धि देखी गई है, ज्वार में छह प्रतिशत और मक्का में 6.5 प्रतिशत की वृद्धि देखी गई है। वर्ष 2013 में सोयाबीन 4,600 रुपये प्रति क्विंटल पर बिक रहा था, 2024 में भी किसानों को सोयाबीन के लिए वही दर मिल रही है, जो किसानों के मुद्दों को हल करने में राज्य सरकार की विफलता को दर्शाता है।’

भाषा

स्वाती सुरेश

सुरेश

 

(इस खबर को IBC24 टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)