मुंबई, 18 अक्टूबर (भाषा) महाराष्ट्र की मुख्य सचिव सुजाता सौनिक ने शुक्रवार को माना कि भारत की वित्तीय राजधानी पैदल चलने वालों या साइकिल चालकों के लिहाज से बहुत अनुकूल नहीं है तथा इसे और अधिक समावेशी महानगर बनाने की जरूरत है।
सौनिक ने आईएफसीसीआई के एक समारोह में कहा, ‘‘फिलहाल यह पैदल चलने या साइकिल वालों के लिए बहुत अनुकूल नहीं है। हम इस दिशा में कैसे काम करते हैं, यह बड़ा सवाल है।’’
महाराष्ट्र की सबसे वरिष्ठ नौकरशाह ने कहा कि टिकाऊ शहरीकरण के लिए एक हरित और अधिक समावेशी शहर का निर्माण करना, या कम से कम निर्माण की योजना बनाना आवश्यक है, जहां नवीकरणीय ऊर्जा से उद्योग संचालित हों और हरित स्थान शहरी नियोजन का हिस्सा हों।
उनसे पहले, भारत में फ्रांस के राजदूत थिएरी मथौ ने समारोह को संबोधित करते हुए कहा कि भारत और मुंबई समकालीन चुनौतियों के जो समाधान दे सकते हैं, वे दुनिया की मदद करेंगे। उन्होंने भी शहर को अधिक समावेशी बनाने पर विशेष ध्यान देने के लिए कहा।
मथौ ने कहा कि मुंबई को पारिस्थितिकी चुनौतियों पर ध्यान देना होगा, क्योंकि यह एक तटीय शहर है और आशंका है कि अगले 50 वर्षों में बढ़ते समुद्र का स्तर शहर के 10 प्रतिशत भूभाग को निगल जाएगा।
इस बीच, फ्रांस की ओलंपिक और पैरालंपिक मंत्री अमली कुदी-कास्तेरा ने कहा कि भारत को 2036 के ओलंपिक खेलों की मेजबानी के लिए चिली और इंडोनेशिया से कड़ी प्रतिस्पर्धा का सामना करना पड़ रहा है।
भाषा वैभव अविनाश
अविनाश
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