मुंबई, सात जनवरी (भाषा) मुंबई में विशेष, राष्ट्रीय अन्वेषण अभिकरण (एनआईए) अदालत ने मंगलवार को एल्गार परिषद-माओवादी से संबंध मामले के एक आरोपी महेश राउत को कानूनी शिक्षा के लिए डिग्री परीक्षा में शामिल होने के लिए 18 दिनों की अंतरिम जमानत दे दी।
सात साल पुराने मामले में कथित भूमिका के लिए 2018 में गिरफ्तार राउत वर्तमान में नवी मुंबई के तलोजा जेल में बंद है।
विशेष न्यायाधीश चकोर बाविस्कर ने राउत को मुंबई में विधि स्नातक (एलएलबी) की परीक्षा में शामिल होने के लिए 13 से 30 जनवरी तक अस्थायी जमानत प्रदान की।
अदालत ने आरोपी को 50 हजार रुपये के निजी मुचलके और इतनी ही राशि की जमानत पर अस्थायी राहत प्रदान की।
न्यायालय ने राउत को अस्थायी जमानत अवधि के दौरान अपने घर के पते का प्रमाण तथा जेल अधिकारियों और जांच एजेंसी को सक्रिय मोबाइल नंबर प्रस्तुत करने का निर्देश दिया।
अदालत ने अपने आदेश में कहा कि आरोपी, उसे दी गई स्वतंत्रता का दुरुपयोग न करे और उसे परीक्षा समाप्त होने के दिन जेल प्राधिकारियों के समक्ष आत्मसमर्पण करना होगा।
पुणे में 31 दिसंबर 2017 को ‘एल्गार परिषद’ सम्मेलन में राउत और 14 अन्य अराोपियों पर कथित रूप से भड़काऊ भाषण देने के संबंध में मामला दर्ज किया गया था।
पुलिस के अनुसार, माओवादियों का समर्थन प्राप्त इस सम्मेलन में दिए गए भड़काऊ भाषणों के कारण अगले दिन पुणे शहर के बाहरी इलाके में स्थित कोरेगांव भीमा गांव में एक स्मृति समारोह के दौरान हिंसा भड़क उठी।
बाद में पुणे पुलिस से मामले की जांच एनआईए को हस्तांतरित कर दी गई।
भाषा यासिर पवनेश
पवनेश
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