मोहन भागवत संविधान निर्माता नहीं हैं : संजय राउत |

मोहन भागवत संविधान निर्माता नहीं हैं : संजय राउत

मोहन भागवत संविधान निर्माता नहीं हैं : संजय राउत

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Modified Date: January 14, 2025 / 04:26 PM IST
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Published Date: January 14, 2025 4:26 pm IST

मुंबई, 14 जनवरी (भाषा) शिवसेना (उबाठा) के सांसद संजय राउत ने राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के प्रमुख मोहन भागवत के इस बयान पर आपत्ति जताई है कि भारत को ‘‘सच्ची आजादी’’ तब मिली जब अयोध्या में राम मंदिर का निर्माण हुआ।

राउत ने भागवत के बयान पर आपत्ति जताते हुए मंगलवार को कहा कि राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के प्रमुख संविधान के निर्माता नहीं हैं।

उन्होंने कहा कि भगवान राम का इस्तेमाल राजनीतिक लाभ के लिए नहीं किया जाना चाहिए।

राउत ने आरएसएस प्रमुख की टिप्पणी पर प्रतिक्रिया देते हुए यह बात कही है।

आरएसएस प्रमुख ने अपनी टिप्पणी में कहा है कि सदियों तक विदेशी आक्रमणों को झेलने वाले भारत को सच्ची आजादी पिछले साल अयोध्या में राम मंदिर के निर्माण के साथ मिली।

राउत ने यहां संवाददाताओं से कहा, ‘‘आरएसएस प्रमुख एक सम्मानित व्यक्ति हैं, लेकिन वे संविधान के निर्माता नहीं हैं। वे इस देश के कानूनों का मसौदा तैयार नहीं करते या उनमें बदलाव नहीं करते। रामलला के विग्रह का प्राण-प्रतिष्ठा वास्तव में देश के लिए गौरव का क्षण है और मंदिर निर्माण में सभी ने अपना योगदान दिया है। लेकिन, यह दावा करना गलत है कि देश अभी आजाद हुआ है।’’

राज्यसभा सदस्य ने कहा कि भारत को 1947 में स्वतंत्रता मिली थी लेकिन भगवान राम का राजनीतिकरण नहीं किया जाना चाहिए।

शिवसेना (उबाठा) के नेता ने कहा, ‘‘ रामलला हजारों वर्षों से इस धरती पर विराजमान हैं। हमने उनके लिए लड़ाई लड़ी है और लड़ते रहेंगे, लेकिन रामलला को राजनीतिक लाभ के लिए इस्तेमाल करने से देश को वास्तविक आजादी नहीं मिलेगी।’’

भागवत ने सोमवार को एक कार्यक्रम में कहा था कि राम मंदिर प्राण-प्रतिष्ठा दिवस को ‘प्रतिष्ठा द्वादशी’ के रूप में मनाया जाना चाहिए, क्योंकि कई शताब्दियों तक ‘परचक्र’ (विदेशी आक्रमणों) का सामना करने वाले भारत की ‘सच्ची स्वतंत्रता’ उस दिन स्थापित हुई थी।

भाषा रवि कांत रवि कांत नरेश

नरेश

 

(इस खबर को IBC24 टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)

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