मुंबई, छह मार्च (भाषा) महाराष्ट्र के ग्रामीण विकास मंत्री जयकुमार गोरे ने बृहस्पतिवार को शिवसेना (यूबीटी) के मुखपत्र ‘सामना’ के कार्यकारी संपादक संजय राउत और दो अन्य के खिलाफ विशेषाधिकार हनन का नोटिस पेश किया और आरोप लगाया कि इन लोगों ने उन्हें बदनाम किया है।
राउत के अलावा उन्होंने राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एसपी) विधायक रोहित पवार और डिजिटल माध्यम के पत्रकार तुषार खरात के खिलाफ भी विशेषाधिकार हनन का नोटिस पेश किया है।
गोरे द्वारा ये नोटिस ऐसे समय में पेश किया गया है जब विपक्ष ने उन पर एक महिला को परेशान करने और उसे आपत्तिजनक तस्वीरें भेजने के आरोप लगाए जिसके कारण उनके इस्तीफे की भी मांग की गई है। मंत्री ने इन आरोपों को खारिज कर दिया है।
भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) मंत्री ने कहा कि पुराने मुद्दे को उठाकर उनकी छवि खराब की गई है।
गोरे ने कहा, ‘‘अदालत ने मुझे 2019 में बरी कर दिया था और मुझे बदनाम करने की जानबूझकर कोशिश की गई थी। यह अदालत की अवमानना भी है।’’ उन्होंने जोर देकर कहा कि अगर वे दोषी हैं तो वे किसी भी सजा का सामना करने के लिए तैयार हैं।
उनकी पार्टी के वरिष्ठ सहयोगी सुधीर मुनगंटीवार ने विधानसभा अध्यक्ष से आग्रह किया कि वे विशेषाधिकार हनन के नोटिस को स्वीकार करें और चालू बजट सत्र के अंतिम दिन 26 मार्च से पहले उन पर निर्णय लें।
विधानसभा अध्यक्ष राहुल नार्वेकर ने कहा कि उन्होंने नोटिस स्वीकार कर लिए हैं और उन्हें सदन की विशेषाधिकार समिति को भेज दिया है।
भाषा यासिर नरेश
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