मुंबई, 16 दिसंबर (भाषा) महाराष्ट्र के परभणी में 10 दिसंबर को संविधान की प्रतिकृति तोड़े जाने के बाद हुई हिंसा के सिलसिले में गिरफ्तार किए गए 35 वर्षीय एक व्यक्ति की मौत शरीर पर कई जगह चोट लगने के कारण सदमे से हुई हो सकती है। सोमवार को एक प्रारंभिक पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट में यह बात कही गई।
परभणी के शंकर नगर निवासी सोमनाथ वेंकट सूर्यवंशी हिंसा के सिलसिले में गिरफ्तार किए गए 50 से अधिक लोगों में शामिल थे। पुलिस के अनुसार, रविवार को सुबह छह बजकर 49 मिनट पर एक सरकारी अस्पताल में उनकी मौत हो गई, जहां उन्हें न्यायिक हिरासत के दौरान सीने में दर्द और बेचैनी की शिकायत के बाद ले जाया गया था।
सूर्यवंशी को परभणी जिला केंद्रीय कारागार में रखा गया था।
परभणी रेलवे स्टेशन के बाहर 10 दिसंबर की शाम बाबासाहेब आंबेडकर की प्रतिमा के पास संविधान की कांच से बनी प्रतिकृति को क्षतिग्रस्त किए जाने के बाद बड़े पैमाने पर हुआ विरोध प्रदर्शन हिंसा में बदल गया था।
पुलिस अधिकारियों ने बताया कि छत्रपति संभाजीनगर स्थित सरकारी अस्पताल में छह चिकित्सकों के एक पैनल ने पोस्टमॉर्टम किया।
अधिकारियों ने शुरुआती पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट के हवाले से बताया कि सूर्यवंशी की मौत शरीर पर कई जगह चोट लगने के बाद सदमे के कारण हुई।
उन्होंने कहा कि रिपोर्ट में उल्लेख किया गया कि रासायनिक विश्लेषण के लिए विसरा सुरक्षित रखा गया है और नमूनों को ‘हिस्टोपैथोलॉजिकल’ जांच के लिए सुरक्षित रखा गया है।
रिपोर्ट में कहा गया कि अधिक जानकारी प्राप्त होने के बाद राय दी जाएगी और जांच अधिकारी को निर्देश दिया गया है कि अगर कोई पिछले चिकित्सा दस्तावेज हों तो उन्हें प्रस्तुत किया जाए।
राज्य भर में आंबेडकरवादी संगठनों द्वारा न्याय और पुलिस के खिलाफ कार्रवाई की मांग के बीच प्रारंभिक पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट सोशल मीडिया पर वायरल हो गई है।
भाषा जितेंद्र नेत्रपाल
नेत्रपाल
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