पुणे के सरकारी अस्पताल में जीबीएस से व्यक्ति की मौत |

पुणे के सरकारी अस्पताल में जीबीएस से व्यक्ति की मौत

पुणे के सरकारी अस्पताल में जीबीएस से व्यक्ति की मौत

Edited By :  
Modified Date: January 31, 2025 / 01:18 PM IST
,
Published Date: January 31, 2025 1:18 pm IST

पुणे (महाराष्ट्र), 31 जनवरी (भाषा) महाराष्ट्र के पुणे जिले में एक सरकारी अस्पताल में ‘गुइलेन-बैरे सिंड्रोम’ (जीबीएस) से पीड़ित 36 वर्षीय व्यक्ति की मौत हो गई, जिससे राज्य में संदिग्ध जीबीएस बीमारी से मरने वालों की संख्या बढ़कर तीन हो गई है। अधिकारियों ने शुक्रवार को यह जानकारी दी।

उन्होंने बताया कि मरीज एक कैब सेवा प्रदाता कंपनी में चालक के रूप में काम करता था और उसे 21 जनवरी को पिंपरी चिंचवड़ स्थित यशवंतराव चव्हाण मेमोरियल अस्पताल (वाईसीएमएच) में भर्ती कराया गया था।

पिंपरी चिंचवड़ नगर निगम ने एक विज्ञप्ति में कहा, ‘‘वाईसीएमएच की एक विशेषज्ञ समिति ने जांच की। जांच में मौत का कारण निमोनिया की वजह से श्वसन प्रणाली को गंभीर नुकसान बताया गया है, जिससे व्यक्ति को सांस लेने में अत्यंत कठिनाई हुई।’’

समिति ने कहा कि 22 जनवरी को किए गए ‘‘तंत्रिका चालन परीक्षण’’ (एनसीटी) में मरीज के जीबीएस से पीड़ित होने का भी पता चला था। समिति ने कहा कि जांच में मौत का तात्कालिक कारण ‘‘एक्यूट रेस्पीरेटरी डिस्ट्रेस सिंड्रोम’’ (एआरडीएस) बताया गया है।

इसके साथ ही महाराष्ट्र में संदिग्ध जीबीएस से मरने वालों की संख्या तीन हो गई है। स्वास्थ्य अधिकारियों के अनुसार, राज्य में दुर्लभ तंत्रिका रोग के संदिग्ध मामलों की संख्या बढ़कर 130 हो गई है।

पुणे में बुधवार को 56 वर्षीय महिला की जीबीएस से मौत होने का संदेह था। सोलापुर के 40 वर्षीय व्यक्ति की 26 जनवरी को संदिग्ध तंत्रिका विकार से मौत हो गई थी।

जीबीएस एक दुर्लभ विकार है, जिसमें शरीर के हिस्से अचानक सुन्न पड़ जाते हैं और मांसपेशियों में कमजोरी आ जाती है। इसके साथ ही इस बीमारी में हाथ पैरों में गंभीर कमजोरी जैसे लक्षण भी होते हैं। चिकित्सकों ने बताया कि आम तौर पर जीवाणु और वायरल संक्रमण जीबीएस का कारण बनते हैं क्योंकि वे रोगियों की प्रतिरक्षा प्रणाली को कमजोर करते हैं।

राज्य में ज्यादातर मामले पुणे और आस-पास के इलाकों से हैं। नए मामले सहित, संक्रमण के सभी मामले संभवत: दूषित जल स्रोतों से जुड़े हैं। माना जाता है कि दूषित भोजन और पानी में पाया जाने वाला ‘बैक्टीरिया कैम्पिलोबैक्टर जेजुनी’ इस प्रकोप का कारण है।

भाषा सुरभि नरेश

नरेश

Follow Us

Follow us on your favorite platform:

 

(इस खबर को IBC24 टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)