मुंबई, सात जनवरी (भाषा) महाराष्ट्र के बीड जिले में सरपंच की हत्या के बाद पुलिस ने जिला प्रशासन को कथित आपराधिक पृष्ठभूमि के 236 लोगों के बंदूक लाइसेंस रद्द करने का प्रस्ताव भेजा है। एक वरिष्ठ अधिकारी ने मंगलवार को यह जानकारी दी।
पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने ‘पीटीआई-भाषा’ को बताया, ‘‘जिला कलेक्टर के पास बंदूक लाइसेंस रद्द करने का अधिकार है और इसलिए बीड पुलिस ने उन्हें प्रस्ताव भेजा है।’’
अधिकारी ने कहा कि बंदूक लाइसेंस रद्द करने की प्रक्रिया बीड के पूर्ववर्ती पुलिस अधीक्षक (एसपी) द्वारा शुरू की गई थी।
उन्होंने कहा, ‘‘बंदूक लाइसेंस के लिए प्राप्त आवेदनों की जांच के दौरान वरिष्ठ अधिकारी ने पाया कि ऐसे अनुरोधों में वृद्धि हुई है।’’
अधिकारी ने बताया कि अक्टूबर 2024 तक एसपी कार्यालय में बंदूक लाइसेंस के लिए करीब 125 आवेदन जांच और मंजूरी के लिए लंबित हैं।
उन्होंने कहा, ‘‘ऐसे दो आवेदनों की जांच के दौरान पुलिस के तत्कालीन वरिष्ठ अधिकारियों ने पाया कि आवेदकों के खिलाफ आपराधिक मामले दर्ज हैं, जिसके बाद यह जांच की गई कि जिले में पहले कितने आपराधिक पृष्ठभूमि वाले लोगों को बंदूक का लाइसेंस जारी किया गया था।’’
अधिकारी ने बताया कि जांच के दौरोन कम से कम 236 लोगों की जानकारी मिली जिनके खिलाफ आपराधिक मामले दर्ज हैं और उनके पास बंदूक का लाइसेंस है। उन्होंने बताया कि अब इन लोगों के लाइसेंस रद्द करने के लिए जिला कलेक्टर को प्रस्ताव भेजा गया है।
अधिकारी ने बताया कि पुलिस को अब तक बंदूक के 46 लाइसेंस रद्द करने, 24 लाइसेंस निलंबित करने और पांच अन्य द्वारा हथियार जमा कराने की जानकारी मिली है।
राज्य के मराठवाड़ा क्षेत्र के बीड जिले में कानून और व्यवस्था की स्थिति का मुद्दा मासाजोग गांव के प्रधान संतोष देशमुख के अपहरण और नृशंस हत्या के बाद सामने आया।
बीड से भारतीय जनता पार्टी (भाजपा)के विधायक सुरेश धास ने हाल ही में राज्य विधानसभा सत्र में जिले में कानून व्यवस्था की स्थिति पर चर्चा करते हुए संतोष देशमुख हत्या मामले का जिक्र किया।
सोशल मीडिया मंचों पर बीड के परली निवासी कैलाश फड का बंदूक लहराने और हवा में गोलीबाजी करने का एक पुराना वीडियो वायरल होते ही पुलिस ने उसे गिरफ्तार कर लिया था।
पुलिस ने महाराष्ट्र में राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) मंत्री धनंजय मुंडे के कथित समर्थक फड का बंदूक लाइसेंस रद्द करने की प्रक्रिया शुरू कर दी है।
सामाजिक कार्यकर्ता अंजलि दमानिया ने भी बीड जिले में लोगों को जारी किए गए बंदूक लाइसेंस का मुद्दा उठाया है।
दमानिया ने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर जारी अपने विभिन्न पोस्ट में सवाल किया है कि एक ही जिले में 1,222 बंदूक लाइसेंस क्यों जारी किए गए।
अधिकारी ने बताया कि बीड के पुलिस अधीक्षक नवनीत कंवत ने जिले में जारी सभी बंदूक लाइसेंस की समीक्षा शुरू कर दी है और जांच के बाद बंदूक लाइसेंस रद्द करने के लिए कुछ और प्रस्ताव भेजे जाएंगे।
उन्होंने बताया कि फिलहाल कैलाश फड सहित तीन लोगों के लाइसेंस रद्द करने का प्रस्ताव जिलाधिकारी कार्यालय को भेजा गया है।
भाषा यासिर धीरज
धीरज
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