(आदित्य वाघमारे)
नांदेड़, 14 नवंबर (भाषा) केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने कहा है कि महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव मौजूदा महायुति सरकार के विकास और सुशासन के एजेंडे और विपक्षी महा विकास आघाडी (एमवीए) की विनाश और भ्रष्टाचार की नीति के बीच युद्ध है।
भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के शीर्ष नेताओं के चुनावी नारों ‘बंटेंगे तो कटेंगे’ और ‘एक हैं तो सेफ हैं’ पर उन्होंने कहा कि इन नारों का उद्देश्य देश के लोगों को देशभक्ति के माध्यम से प्रगति हासिल करने के लिए एकजुट करना है।
सिंधिया ने बुधवार को नांदेड़ के मालेगांव में भोकर विधानसभा क्षेत्र से भाजपा उम्मीदवार और पूर्व मुख्यमंत्री अशोक चव्हाण की बेटी श्रीजया चव्हाण और नांदेड़ लोकसभा उपचुनाव में भाजपा उम्मीदवार संतूकराव हंबडे के प्रचार के लिये आयोजित एक रैली से इतर ‘पीटीआई-भाषा’ को साक्षात्कार दिया।
महाराष्ट्र में विधानसभा चुनाव और नांदेड़ लोकसभा सीट पर उपचुनाव 20 नवंबर को होंगे।
सिंधिया ने कहा, “महाराष्ट्र में यह विधानसभा चुनाव सिर्फ चुनाव नहीं है, बल्कि विनाश और विकास के बीच, भ्रष्टाचार और सुशासन के बीच युद्ध है। महाराष्ट्र की जनता सकारात्मक निर्णय लेगी और मेरा मानना है कि राज्य में महायुति सत्ता में आएगी।”
भाजपा नेता ने महाराष्ट्र में ‘डबल इंजन’ सरकार की आवश्यकता पर बल दिया।
जब उनसे महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में भाजपा नेताओं के ‘बंटेंगे तो कटेंगे’,‘वोट का धर्मयुद्ध’ और ‘एक हैं तो सेफ हैं’ जैसे नारों के बारे में पूछा गया तो उन्होंने कहा, “प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में देश की 140 करोड़ जनता एकजुट हुई है और हम अर्थव्यवस्था के मामले में 11वें स्थान से 5वें स्थान पर पहुंच गए हैं। 2027 में हम जर्मनी और जापान को पीछे छोड़कर तीसरे स्थान पर पहुंच जाएंगे।”
उन्होंने कहा कि हमारी संस्कृति और परंपरा आज दुनिया भर में लोकप्रिय है। यह युग प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में भारत का है।
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के ‘बंटेंगे तो कटेंगे’ आह्वान पर सिंधिया ने कहा, “मैं आपको बताता हूं कि यह नारा देश के लिए है। देश को एकजुट होकर देशभक्ति के माध्यम से प्रगति करनी चाहिए। हमारा ‘सबका साथ, सबका विकास, सबका प्रयास’ नारा भी इसमें है।”
यह पूछे जाने पर कि यदि महायुति गठबंधन को बहुमत मिलता है तो क्या भाजपा सरकार का नेतृत्व करेगी, मंत्री ने कहा, “एक कहावत है कि घोड़े के आगे गाड़ी नहीं लगानी चाहिए। यह हमारा इतिहास है कि सभी लोग एक साथ आते हैं और युद्ध का सामना करते हैं। युद्ध 20 नवंबर को लड़ा जाएगा। यह सवाल 23 नवंबर (चुनाव परिणाम) के बाद पूछा जाना चाहिए। हम युद्ध की तैयारी कर रहे हैं।”
जब उनसे पूछा गया कि क्या कार्यकर्ता मनोज जरांगे के नेतृत्व में मराठा आरक्षण आंदोलन का विधानसभा चुनाव के नतीजों पर असर पड़ेगा जैसा कि इस साल के लोकसभा चुनावों के दौरान देखा गया था, तो उन्होंने कहा कि महाराष्ट्र में केवल विकास और प्रगति का प्रभाव है।
उन्होंने कहा, “हम (महायुति) राज्य में अगली सरकार बनाएंगे। इसके बाद अगले पांच साल के लिए हमारे घोषणापत्र के अनुसार योजनाएं लागू की जाएंगी।”
राकांपा (शरदचंद्र पवार) प्रमुख शरद पवार द्वारा वरिष्ठ नेता अशोक चव्हाण, जो इस साल की शुरुआत में कांग्रेस छोड़कर भाजपा में शामिल हुए थे, को स्वार्थी राजनेता कहने पर सिंधिया ने कहा कि विपक्षी एमवीए केवल कुर्सी के खेल में लिप्त है।
उन्होंने कहा, “लेकिन हमने योजनाएं लागू कीं और किसानों और महिलाओं को लाभ पहुंचाया। हम केंद्र और राज्य सरकार की योजनाओं के माध्यम से किसानों को धन दे रहे हैं। किसानों को 7.5 हॉर्स पावर तक के पंपों के लिए मुफ्त बिजली मिल रही है, नांदेड़ में 1.32 लाख किसानों द्वारा लिया गया 107 करोड़ रुपये का कर्ज माफ किया गया है, 8.23 लाख बहनों को 1,500-1,500 रुपये की आर्थिक सहायता दी गई है। हमारी सरकार विकास समर्थक है और हर नागरिक के लिए काम करती है। हमारे पास अपना रिपोर्ट कार्ड है, जबकि वे सिर्फ वादे करते हैं।”
किसानों की आत्महत्या के मुद्दे पर उन्होंने चिंता व्यक्त की और कहा कि ऐसी घटनाएं दुखद और हृदय विदारक हैं।
सिंधिया ने कहा, “किसानों की आत्महत्या की एक भी घटना बहुत पीड़ा देती है। लेकिन हमें इसका समाधान खोजने की जरूरत है। महायुति सरकार पहले से ही इस पर काम कर रही है और हम नांदेड़ में 500 करोड़ रुपये की सिंचाई परियोजना आते देख सकते हैं।”
उन्होंने कहा कि केंद्र और महाराष्ट्र सरकार न्यूनतम समर्थन मूल्य के जरिए किसानों की मदद के लिए भी कदम उठा रही हैं।
उन्होंने आरोप लगाया, “लेकिन उन्होंने (एमवीए) दो साल में किसानों के लिए कुछ नहीं किया।”
यह पूछे जाने पर कि महायुति सरकार ने उन एमवीए नेताओं के खिलाफ कार्रवाई क्यों नहीं की जो कथित तौर पर कोरोना वायरस महामारी के दौरान घोटाले में लिप्त थे, तो सिंधिया ने कहा, “महायुति सरकार दोबारा सत्ता में आने पर इस मुद्दे पर गौर करेगी।”
भाषा प्रशांत संतोष
संतोष
(इस खबर को IBC24 टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
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