पुणे (महाराष्ट्र), 12 दिसंबर (भाषा) महाराष्ट्र के मंत्री चंद्रकांत पाटिल पर पिंपरी चिंचवड शहर में स्याही फेंकने की घटना की जांच कर रही पुलिस इस मामले में फिर से एक टीवी पत्रकार को सम्मन भेजेगी। एक शीर्ष अधिकारी ने सोमवार को यह जानकारी दी।
पुलिस ने घटना में कथित भूमिका के लिए तीन लोगों को गिरफ्तार किया तथा एक टेलीविजन पत्रकार को सम्मन भेजा। उसे रविवार देर रात जाने दिया गया।
पिंपरी चिंचवड के पुलिस आयुक्त अंकुश शिंदे ने सोमवार को ‘पीटीआई-भाषा’ को बताया कि पत्रकार को आगे की जांच के लिए सोमवार को सम्मन भेजा जाएगा।
उल्लेखनीय है कि स्याही फेंकने की घटना शनिवार को यहां पिंपरी चिंचवड में पाटिल के उस बयान के विरोध में हुई जिसमें उन्होंने कहा था कि आंबेडकर और फुले ने शैक्षणिक संस्थान चलाने के लिए सरकारी अनुदान नहीं मांगा था।
प्रदेश के उच्च एवं तकनीकी शिक्षा विभाग के मंत्री पाटिल द्वारा अपने बयान में ‘भीख’ शब्द का इस्तेमाल के कारण विवाद पैदा हुआ जिसके बाद स्याही फेंकने की यह घटना हुयी है।
इस घटना के बाद पुलिस ने सुरक्षा में चूक के लिए तीन अधिकारियों समेत 10 पुलिसकर्मियों को निलंबित कर दिया।
पाटिल ने रविवार को आरोप लगाया था कि सुनियोजित हमले के तहत उन पर स्याही फेंकी गई। पाटिल ने साथ ही यह दावा भी किया था कि समाज सुधारकों बाबासाहेब आंबेडकर और ज्योतिबा फुले पर उनके बयान को कुछ लोगों ने तोड़-मरोड़ कर पेश किया।
इस बीच, पुणे पुलिस ने रविवार देर रात पुणे के कोथरुड इलाके में पाटिल के आवास के बाहर खड़े होकर उनके बयान की निंदा करते हुए अपनी वीडियो रिकॉर्ड करने वाले एक व्यक्ति के खिलाफ मामला दर्ज किया है।
एक पुलिस अधिकारी ने कहा, ‘‘पुलिसकर्मियों द्वारा व्यक्ति से जाने के लिए कहने के बाजवूद वह माना नहीं और उनकी ड्यूटी में बाधा पैदा की इसलिए हमने भारतीय दंड संहिता की धारा 353 (सरकारी सेवकों को उनकी ड्यूटी निभाने से रोकने के लिए आपराधिक बल का इस्तेमाल) के तहत उसके खिलाफ एक मामला दर्ज किया है।’’
भाषा
गोला प्रशांत
प्रशांत
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