महाराष्ट्र: नाबालिग लड़की का यौन उत्पीड़न करने वाले व्यक्ति को तीन साल के कैद की सजा |

महाराष्ट्र: नाबालिग लड़की का यौन उत्पीड़न करने वाले व्यक्ति को तीन साल के कैद की सजा

महाराष्ट्र: नाबालिग लड़की का यौन उत्पीड़न करने वाले व्यक्ति को तीन साल के कैद की सजा

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Modified Date: January 30, 2025 / 01:30 PM IST
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Published Date: January 30, 2025 1:30 pm IST

ठाणे, 30 जनवरी (भाषा) महाराष्ट्र के ठाणे जिले की एक अदालत ने 2019 में एक नाबालिग लड़की का यौन उत्पीड़न करने के जुर्म में 51 वर्षीय एक व्यक्ति को तीन साल के सश्रम कारावास की सजा सुनाई है।

विशेष पॉक्सो अदालत के न्यायाधीश डी.एस. देशमुख द्वारा बुधवार को ये आदेश पारित किया गया और अभियोजन पक्ष ने आदेश के हवाले से कहा कि ऐसी घटनाओं की सूचना पुलिस को दी जानी चाहिए, इससे समाज में जागरूकता बढ़ाने में मदद मिलेगी और ये दोषसिद्ध अपराधियों के लिए निवारक का काम करेगा।

विशेष लोक अभियोजक संध्या एच. मात्रे ने अदालत को बताया कि पांच जुलाई, 2019 को जिस समय पीड़िता ठाणे के मुंब्रा इलाके में अपने स्कूल जा रही थी तभी आरोपी मोइज हातिम रामपुरवाला ने उसका पीछा किया और उसे अनुचित तरीके से छुआ।

घटना के समय पीड़िता 13 वर्ष की थी और नौवीं कक्षा में पढ़ती थी।

लड़की ने इसका विरोध करते हुए शोर मचाया और उस व्यक्ति पर छाते से वार किया, इस दौरान पास से गुजर रही एक महिला वहां पहुंची और उसने पीड़िता को बचा लिया, जबकि आरोपी भाग गया।

अभियोजन पक्ष ने बताया कि पीड़िता और महिला ने उस व्यक्ति का उसके घर तक पीछा किया। बाद में आरोपी को पकड़ लिया गया।

लड़की और महिला ने पुलिस से संपर्क करते हुए उस व्यक्ति के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई, जिसके बाद उसे गिरफ्तार कर लिया गया।

न्यायाधीश देशमुख ने बुधवार को आरोपी को यौन उत्पीड़न और यौन अपराध से बच्चों का संरक्षण (पॉक्सो) अधिनियम के तहत दोषी ठहराया।

अभियोजक ने न्यायाधीश के हवाले से कहा कि इन दिनों नाबालिग लड़कियों के खिलाफ इस तरह के अपराध बढ़ रहे हैं, लेकिन पीड़ित शायद ही कभी शिकायत दर्ज कराने के लिए आगे आते हैं।

अदालत ने आरोपी पर 20 हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया।

न्यायाधीश ने निर्देश दिया कि आरोपी से राशि वसूल होने के बाद उसे पीड़ित को मुआवजे के रूप में दिया जाना चाहिए और कानून के अनुसार अतिरिक्त मुआवजे के भुगतान के लिए मामले को जिला विधिक सेवा प्राधिकरण (डीएलएसए) को भेजा जाना चाहिए।

भाषा यासिर रंजन

रंजन

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(इस खबर को IBC24 टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)

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