मुंबई, सात नवंबर (भाषा) महाराष्ट्र सरकार ने अनुसूचित जनजाति (एसटी) के उन 257 छात्रों के खिलाफ कार्रवाई करने का फैसला किया है जो हिंदू धर्म की जगह अन्य धर्म का अनुसरण कर रहे थे, लेकिन हिंदू आदिवासी अभ्यर्थी के रूप में आरक्षण का लाभ प्राप्त कर रहे थे।
पहले राज्य सरकार की विशेष समिति द्वारा की गई जांच में पता चला था कि एसटी श्रेणी के तहत पंजीकरण कराने वाले 13,858 छात्रों में 257 हिंदू धर्म का नहीं बल्कि अन्य धर्म का अनुसरण कर रहे थे।
इन छात्रों ने किसी अन्य धर्म को अपनाने से पहले आरक्षण का लाभ लेने के लिए हिंदू एसटी के रूप में प्रमाण पत्र प्राप्त किया था। राज्य के कौशल विकास और उद्यमिता मंत्री मंगल प्रभात लोढ़ा के कार्यालय ने बृहस्पतिवार को एक बयान जारी किया, जिसमें कहा गया कि 2023 में औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थानों (आईटीआई) में प्रवेश प्रक्रिया के दौरान एसटी वर्ग के छात्रों के संबंध में मामला उठाया गया था।
धर्मांतरण करने वाले छात्र आदिवासी समुदायों के लिए तय लाभ उठाते रहे। इसके मद्देनजर प्रदेश सरकार के मंत्री लोढ़ा ने राज्य विधानसभा के पिछले वर्ष हुए शीतकालीन सत्र में व्यापक जांच का आदेश दिया था।
बयान में कहा गया, ‘‘विशेष समिति के निष्कर्षों के परिणामस्वरूप महाराष्ट्र कौशल विकास विभाग ने इसमें संलिप्त छात्रों के खिलाफ कार्रवाई करने का फैसला किया है। समिति की रिपोर्ट राज्य के जनजातीय विकास विभाग को भेज दी गई है और अब आगे की प्रक्रिया और जरूरी कार्रवाई की जिम्मेदारी उसकी होगी।’’
भाषा वैभव नरेश
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