मुंबई, 20 जनवरी (भाषा) महाराष्ट्र में जिलों के प्रभारी मंत्रियों की घोषणा के एक दिन बाद ही नासिक और रायगढ़ जिलों के लिए नियुक्तियों पर रोक लगाने का आदेश जारी कर दिया गया है, जिससे महायुति सरकार में मतभेद जैसे हालात नजर आ रहे हैं।
सामान्य प्रशासन विभाग ने रविवार को इस संबंध में आदेश जारी किया।
राज्य सरकार ने शनिवार को 36 जिलों के लिए प्रभारी मंत्रियों की नियुक्ति की घोषणा की। इस घोषणा में राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) की अदिति तटकरे को रायगढ़ और भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) नेता गिरीश महाजन को नासिक की जिम्मेदारी सौंपी गई।
पिछले महीने भाजपा-राकांपा-शिवसेना की नयी सरकार के गठन के बाद से ही प्रभारी मंत्रियों की नियुक्ति का इंतजार किया जा रहा था।
राज्य में निवेश आकर्षित करने के मकसद से विश्व आर्थिक मंच की बैठक में भाग लेने के लिए दावोस में मौजूद मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस के हस्तक्षेप के बाद उनके अधीन आने वाले सामान्य प्रशासन विभाग ने अगले आदेश तक दोनों जिलों में नियुक्तियों पर रोक लगाने का आदेश जारी किया।
जिला प्रभारी मंत्रियों के पास उनके क्षेत्रों में विभिन्न विकास कार्यों के लिए धन वितरित करने की जिम्मेदारी होती है। राजनीतिक पर्यवेक्षकों के अनुसार, धन वितरण पर इस तरह के नियंत्रण का इस्तेमाल जिलों में राजनीतिक विरोधियों को घेरने के लिए भी किया जाता है।
रायगढ़ में तटकरे को जिला संरक्षक मंत्री का पद सौंपे जाने से शिवसेना नेता और राज्य मंत्री भरत गोगावले नाराज हैं। राज्य मंत्री इसी जिले के हैं, जहां नए अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे के साथ बड़ी संख्या में आवासीय भवनों का निर्माण कार्य हो रहा है।
गोगावले ने पहले कहा था कि वह रायगढ़ के संरक्षक मंत्री बनने के इच्छुक हैं। जबकि नासिक से शिवसेना नेता और मंत्री दादा भुसे भी अपने गृह जिले का संरक्षक मंत्री बनने की इच्छा रखते थे। हालांकि, यह पद मुख्यमंत्री फडणवीस के करीबी विश्वासपात्र महाजन को सौंपा गया।
भाषा यासिर प्रशांत
प्रशांत
Follow us on your favorite platform:
(इस खबर को IBC24 टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
भारत विश्व में आपदा प्रबंधन के क्षेत्र में अगुआ के…
17 hours agoसैफ अली खान पर हमले के आरोपी की पैरवी करने…
18 hours agoधारावी में बम रखे होने का झूठा दावा करने के…
18 hours ago