मुंबई, दो फरवरी (भाषा)महाराष्ट्र के मंत्री नरहरि जिरवाल ने रविवार को हाफकिन जनस्वास्थ्य संस्थान को पुनर्जीवित करने की योजना की घोषणा की, जिसे 2018-19 से आर्थिक कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है।
यह संस्थान स्वास्थ्य देखभाल उत्पादों के उत्पादन और उन्हें 45 देशों में निर्यात करने के लिए जाना जाता है। यह वैश्विक रोग नियंत्रण प्रयासों में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है, लेकिन हाल के वर्षों में इसे मुश्किलों का सामना करना पड़ा है।
खाद्य एवं औषधि प्रशासन मंत्री जीरवाल ने कहा कि राज्य सरकार संस्थान का संचालन बहाल करने के लिए प्रतिबद्ध है।
उन्होंने कहा, ‘‘हाफकिन संस्थान एक महत्वपूर्ण संस्थान है और हम इसके पुनरुद्धार की दिशा में काम करेंगे। दीर्घकालिक समाधान की योजना बनाने के लिए मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस और उपमुख्यमंत्री अजीत पवार के साथ बैठक की जाएगी।’’
मंत्री ने कहा कि वित्तीय सुधारों और नए अनुसंधान पहलों सहित पुनर्गठन प्रयासों के लिए छह महीने की समयसीमा तय की गई है।
जिरवाल ने कहा, ‘‘इसमें बदलाव आएगा। यह संस्थान फिर से मुनाफे में आ जाएगा।’’
योजना के हिस्से के रूप में, संस्थान बायोसेफ्टी लेवल-3 (बीएसएल-3) सुविधा स्थापित करेगा, जो टीका उत्पादन के लिए यूनिसेफ की मंजूरी हासिल करने के लिए एक आवश्यकता है। इससे संस्थान एन-ओपीवी टीका का निर्माण करने और भविष्य की स्वास्थ्य आपात स्थितियों के लिए टीका विकसित करने में सक्षम होगा।
भाषा धीरज रंजन
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