लातूर, 22 जनवरी (भाषा) महाराष्ट्र के लातूर में कैंसर रोगियों के लिए एक आधुनिक सुविधाओं युक्त अस्पताल निर्मित करने के लिए प्रयास किए जा रहे हैं, जिससे इलाज के लिए मरीजों को मुंबई जाने जैसी चुनौती का सामना न करना पड़े। टाटा ट्रस्ट के एक वरिष्ठ अधिकारी ने यह जानकारी दी।
राजकीय मेडिकल कॉलेजों से संबद्ध जिला स्तरीय कैंसर अस्पतालों की आवश्यकता पर प्रकाश डालते हुए टाटा चैरिटेबल ट्रस्ट के चिकित्सा निदेशक डॉ. कैलाश शर्मा ने सप्ताहांत में ‘पीटीआई-भाषा’ से कहा कि आम नागरिकों के लिए समय पर ‘बायोप्सी’ रिपोर्ट और किफायती कैंसर उपचार बहुत मायने रखता है।
उन्होंने कहा कि कैंसर के कई रोगियों को इलाज करवाने के लिए मुंबई तक की यात्रा करनी पड़ती है जो बहुत चुनौतीपूर्ण है।
अधिकारी ने बताया कि इस समस्या से निपटने के लिए उन्होंने पहले ही वाराणसी, पंजाब, विशाखापत्तनम और गुवाहाटी में आधुनिक कैंसर अस्पताल स्थापित कर दिए हैं।
उन्होंने कहा कि महाराष्ट्र के लातूर और धाराशिव जिलों में कैंसर रोगियों को अत्याधुनिक इलाज की सुविधा प्रदान किए जाने के साथ समय पर ‘बायोप्सी’ रिपोर्ट देने के मकसद से विलासराव देशमुख सरकारी मेडिकल कॉलेज से संबद्ध कैंसर का अस्पताल स्थापित करने के प्रयास किए जा रहे हैं।
पिछले सप्ताह ऑन्को-पैथोलॉजी हेमेटोलॉजी सम्मेलन के लिए लातूर का दौरा कर चुके डॉ. शर्मा ने बताया कि यह पहल छत्रपति संभाजीनगर के कैंसर अस्पताल की तर्ज पर की जाएगी।
हालिया रिपोर्ट का हवाला देते हुए उन्होंने विश्व स्तर पर कैंसर रोग के बढ़ते मामलों पर चिंता व्यक्त की।
अधिकारी ने बताया कि वर्तमान में भारत में 13 से 14 लाख कैंसर रोगी हैं, जिनमें से हर साल छह से सात लाख लोगों की इस रोग के कारण मृत्यु हो जाती है। उन्होंने बताया कि 2030 तक यह संख्या बढ़कर 20 से 22 लाख हो जाएगी, जिससे हर साल करीब 12 लाख लोगों की मृत्यु होने का अनुमान है।
भाषा यासिर नरेश
नरेश
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(इस खबर को IBC24 टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
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