मुंबई, चार दिसंबर (भाषा) महाराष्ट्र के मुख्य निर्वाचन अधिकारी (सीईओ) एस. चोकलिंगम ने कहा है कि राज्य विधानसभा चुनाव के दौरान अंतिम घंटे में मतदान में सात प्रतिशत की वृद्धि को मत प्रतिशत में ‘‘उछाल’’ नहीं कहा जा सकता है जैसा कि विपक्ष दावा कर रहा है, बल्कि यह एक ‘‘औसत’’ प्रक्रिया है।
चोकलिंगम ने सोमवार को एक वीडियो बयान में कहा कि महाराष्ट्र एक बड़ा राज्य है, जिसमें एक लाख से अधिक मतदान केंद्र हैं।
उन्होंने कहा, ‘‘अगर मतदान के अंतिम घंटे में 76 लाख मतदाता मतदान के लिए आते हैं, तो प्रत्येक मतदान केन्द्र पर औसतन केवल 76 मतदाता होंगे।’’
महाराष्ट्र और झारखंड में पिछले महीने विधानसभा चुनाव हुए थे।
महाराष्ट्र में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) नीत महायुति ने 288 सीट में से 230 सीट जीती, जबकि झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो) नीत गठबंधन ने 81 सदस्यीय झारखंड विधानसभा में 56 सीट हासिल की।
चोकलिंगम ने कहा, ‘‘झारखंड के विपरीत महाराष्ट्र में मतदान मध्याह्न बाद अधिक होता है, जबकि झारखंड में अधिकांश मतदान दिन की शुरुआत में होता है।’’
उन्होंने कहा कि महाराष्ट्र की तुलना में झारखंड छोटा राज्य है और वहां मतदान शाम पांच बजे समाप्त हो जाता है, जबकि महाराष्ट्र में मतदान शाम छह बजे तक होता है और उस समय कतार में लगे लोग भी वोट डाल सकते हैं।
राज्य के सीईओ ने कहा, ‘‘महाराष्ट्र में प्रति घंटे 50 से 60 लोगों ने मतदान किया।’’
चोकलिंगम ने इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन (ईवीएम) पर विपक्षी दलों द्वारा उठाई गई चिंताओं को भी खारिज करते हुए कहा कि ईवीएम तकनीकी रूप से विश्वसनीय और पारदर्शी हैं।
उन्होंने कहा कि अगर उम्मीदवारों को कोई संदेह है तो वे परिणाम घोषित होने के 10 दिन के भीतर उच्च न्यायालय का रुख कर सकते हैं।
भाषा सुरभि पवनेश
पवनेश
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