मुंबई, 29 अक्टूबर (भाषा) महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव के लिए नामांकन की समयसीमा समाप्त होने के साथ ही यह बात सामने आई है कि भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) और कांग्रेस ने सबसे अधिक विधायकों के टिकट काट दिये हैं।
भारतीय जनता पार्टी ने जहां आठ विधायकों के टिकट काटे हैं, जबकि कांग्रेस ने पांच विधायकों को टिकट न देने का फैसला किया है।
अजित पवार के नेतृत्व वाली राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) और राकांपा (शरदचंद्र पवार) ने दो-दो मौजूदा विधायकों को टिकट नहीं देने का विकल्प चुना है।
विशेष रूप से, मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाली शिवसेना ने दो को छोड़कर अपने सभी विधायकों को फिर से चुनाव मैदान में उतारा है।
महाराष्ट्र विधानसभा की 288 सीट के लिए 20 नवंबर को मतदान होगा, जबकि 23 नवंबर को मतों की गिनती होगी।
सत्तारूढ़ महायुति और विपक्षी महा विकास आघाडी (एमवीए) गठबंधन के प्रत्येक घटक द्वारा मैदान में उतारे गए उम्मीदवारों की सही संख्या का पता नहीं लगाया जा सकता है, क्योंकि कुछ दलों ने कुछ सीट पर दो उम्मीदवारों को उतारा है।
भाजपा द्वारा सबसे चौंकाने वाले निर्णयों में से एक है मुंबई के बोरीवली से मौजूदा विधायक सुनील राणे की जगह संजय उपाध्याय को टिकट देना।
टिकट से वंचित अन्य मौजूदा विधायकों में अरनी से संदीप धुर्वे और उमरखेड से नामदेव सासने शामिल हैं, जिनकी जगह राजू तोड़सम और किसन वानखेड़े को टिकट दिया गया है।
भाजपा ने आर्वी से दादा केंचे और नागपुर (मध्य) से विकास कुंभारे की जगह क्रमशः सुमित वानखेड़े और प्रवीण दटके को टिकट दिया है। वानखेड़े पहले भाजपा नेता और उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस के सहायक के रूप में काम कर चुके हैं, जबकि दटके पार्टी के मौजूदा विधान पार्षद हैं।
दिलचस्प बात यह है कि चिंचवाड़ से अश्विनी जगताप की जगह उनके देवर शंकर जगताप को टिकट दिया गया है।
पार्टी ने कल्याण (पूर्व) से जेल में बंद विधायक गणपत गायकवाड़ की पत्नी सुलभा गायकवाड़ को भी टिकट दिया है, जिन पर कथित तौर पर पुलिस स्टेशन के अंदर शिवसेना के एक प्रतिद्वंद्वी पर गोली चलाने का आरोप है।
इस बीच, वाशिम से चार बार के विजेता लखन मलिक की जगह श्याम खोड़े को टिकट दिया गया है।
कांग्रेस पार्टी ने पांच मौजूदा विधायकों के टिकट काटे हैं। हेमंत ओगले श्रीरामपुर से चुनाव लड़ेंगे, जहां वह लहू कनाडे की जगह लेंगे, जबकि पूर्व जिला परिषद अधिकारी राजकुमार पुरम आमगांव में सहसराम कोरोटे की जगह लेंगे।
उल्लेखनीय है कि शिरीष चौधरी दोबारा चुनाव नहीं लड़ेंगे, बल्कि उनके बेटे धनंजय रावेर से चुनाव लड़ेंगे।
पार्टी ने अमरावती और इगतपुरी सीट से सुलभा खोडके और हीरामन खोसकर को भी पार्टी-विरोधी गतिविधियों के कारण हटा दिया है, दोनों उम्मीदवारों को अब अजित पवार के नेतृत्व वाली राकांपा से नामांकन मिल गया है।
सुनील देशमुख अमरावती निर्वाचन क्षेत्र से और लैकीभाऊ जाधव इगतपुरी से कांग्रेस का प्रतिनिधित्व करेंगे।
राकांपा (एसपी) ने कटोल विधायक एवं पूर्व गृहमंत्री अनिल देशमुख की जगह उनके बेटे सलिल देशमुख को मैदान में उतारा है।
माधा निर्वाचन क्षेत्र में शरद पवार के नेतृत्व वाली राकांपा ने बबनराव शिंदे को दोबारा टिकट देने के बजाय अभिजीत पाटिल को उम्मीदवार बनाया है।
अजित पवार के नेतृत्व वाली राकांपा ने अर्जुनी मोरगांव से विधायक मनोहर चंद्रिकापुरे और आष्टी से बालासाहेब अजाबे को टिकट देने से इनकार कर दिया। उनकी जगह क्रमशः पूर्व भाजपा मंत्री राजकुमार बडोले और पूर्व एमएलसी सुरेश धास ने ले ली है।
शिवसेना ने पालघर से विधायक श्रीनिवास वांगा और चोपडा से लता सोनावणे को टिकट देने से इनकार कर दिया। उनकी जगह क्रमश: पूर्व लोकसभा सदस्य राजेंद्र गावित और चंद्रकांत सोनावणे को टिकट दिया गया है।
भाषा सुरेश माधव
माधव
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