महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव: सीट आवंटन में देरी से एमवीए के छोटे सहयोगियों में बेचैनी |

महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव: सीट आवंटन में देरी से एमवीए के छोटे सहयोगियों में बेचैनी

महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव: सीट आवंटन में देरी से एमवीए के छोटे सहयोगियों में बेचैनी

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Modified Date: October 22, 2024 / 09:59 PM IST
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Published Date: October 22, 2024 9:59 pm IST

(प्रशांत रांगणेकर)

मुंबई, 22 अक्टूबर (भाषा) आगामी महाराष्ट्र विधानसभा चुनावों के लिए मंगलवार को नामांकन पत्र दाखिल करने की प्रक्रिया शुरू होने के साथ महा विकास आघाडी (एमवीए) के सहयोगियों के बीच सीट बंटवारा समझौते को अंतिम रूप देने में देरी से छोटे घटक दलों के बीच चिंता पैदा हो गई है।

एमवीए साझेदारों के बीच सीट बंटवारे पर चर्चा जारी रहने के कारण, विपक्षी खेमे के भीतर समाजवादी पार्टी (सपा), आम आदमी पार्टी (आप), वामपंथी दल और पीजेंट एंड वर्कर्स पार्टी (पीडब्ल्यूपी) सहित छोटी पार्टियां बेचैन होती जा रही हैं।

विभिन्न दलों के उम्मीदवार टिकट पाने के लिए एमवीए कार्यालयों में उमड़ रहे हैं, क्योंकि नामांकन दाखिल करने की प्रक्रिया शुरू हो गई है, जिसकी अंतिम तिथि 29 अक्टूबर है। सीट आवंटन में लगातार हो रही देरी से चुनाव में उनके प्रदर्शन पर असर पड़ सकता है।

पिछले आम चुनावों में महाराष्ट्र में एमवीए को 48 लोकसभा सीटों में से 31 सीटें मिली थीं, इसलिए छोटी पार्टियां ‘इंडिया’ गठबंधन के बैनर तले चुनाव लड़ने की इच्छुक हैं। लोकसभा चुनाव में राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) को सिर्फ 17 सीटों पर जीत मिली थी।

लोकसभा चुनावों में एमवीए के प्रमुख घटक दलों कांग्रेस, शिवसेना (यूबीटी) और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एसपी) ने हिस्सा लिया था, वहीं छोटे दलों ने आम चुनाव लड़े बिना ही विपक्षी गठबंधन के प्रचार अभियान का समर्थन कर महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी।

अखिलेश यादव के नेतृत्व वाली समाजवादी पार्टी ने 20 नवंबर को होने वाले विधानसभा चुनाव में 12 सीटों के लिए औपचारिक अनुरोध किया है और पांच निर्वाचन क्षेत्रों के लिए उम्मीदवारों की घोषणा भी कर दी है। सपा के एक नेता ने कांग्रेस की ‘‘गलतियों’’ पर निराशा व्यक्त की, जिसके बारे में उनका मानना ​​है कि हरियाणा में कांग्रेस की इन्हीं वजहों से हार हुई।

उन्होंने तर्क दिया कि सीट बंटवारे के समझौते को कम से कम दो सप्ताह पहले अंतिम रूप दिया जाना चाहिए था। सपा नेता अबू आसिम आजमी ने पीटीआई-भाषा से कहा, ‘‘यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि देश और महाराष्ट्र की दुर्दशा को देखते हुए ये दल अपनी सीटों की मांग में व्यस्त हैं। कांग्रेस, राकांपा (एसपी) और शिवसेना (यूबीटी) को सीट बंटवारे की बातचीत को अंतिम रूप देना चाहिए, अन्यथा हरियाणा जैसा ही हश्र होगा।’’

सपा ने महाराष्ट्र में विपक्षी गठबंधन के उम्मीदवारों के लिए सक्रिय रूप से प्रचार किया था तथा उनकी ओर से रैलियां भी आयोजित की थीं।

आम आदमी पार्टी भी आगामी चुनाव में उतरने के लिए उत्सुक है।

महाराष्ट्र के आप के एक नेता ने कहा, ‘‘हमने एमवीए दलों को सीटों की एक सूची सौंप दी है और हमें उम्मीद है कि बुधवार तक यह स्पष्ट हो जाएगा कि हम कितनी सीटों पर चुनाव लड़ेंगे या अकेले चुनाव लड़ेंगे।’’

जयंत पाटिल के नेतृत्व वाली पीडब्ल्यूपी ने छह सीटों की मांग की है, जिनमें पनवेल, उरण, पेण, अलीबाग, सांगोला और लोहा शामिल हैं। इनमें से लोहा सीट को पार्टी का गढ़ माना जाता है।

वामपंथी दल भी सीट बंटवारे को जल्द अंतिम रूप देने के लिए जोर दे रहे हैं। वर्तमान में 288 सदस्यीय विधानसभा में वामपंथी दल के पास केवल एक सीट है।

भाषा आशीष माधव

माधव

 

(इस खबर को IBC24 टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)