Rajya Sabha polls: मुंबई, 10 जून । महाराष्ट्र से राज्यसभा की छह सीट पर चुनाव के लिए मतदान के योग्य सभी 285 विधायकों ने शुक्रवार दोपहर साढ़े तीन बजे तक अपने मताधिकार का प्रयोग किया।
भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने तीन उम्मीदवार उतारे, जबकि शिवसेना ने दो और कांग्रेस तथा राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) ने एक-एक उम्मीदवार खड़ा किया। इस प्रकार, छह सीट के लिए सात उम्मीदवार मैदान में हैं।
भाजपा ने केंद्रीय वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल, राज्य के पूर्व मंत्री अनिल बोंडे और पूर्व सांसद धनंजय महादिक को मैदान में उतारा। शिवसेना ने संजय राउत और संजय पवार को उम्मीदवार बनाया। राकांपा ने प्रफुल्ल पटेल को और कांग्रेस ने इमरान प्रतापगढ़ी को मैदान में उतारा।
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Rajya Sabha polls: महा विकास आघाड़ी (शिवसेना-राकांपा-कांग्रेस गठबंधन) और भाजपा दोनों ओर से कुछ मतों को लेकर आपत्ति जताई गई। भाजपा ने दावा किया कि यशोमती ठाकुर (कांग्रेस), जितेंद्र आव्हाड (एनसीपी) और सुहास कांडे (शिवसेना) ने अधिकृत एजेंट को मतपत्र दिखाने के नियम का उल्लंघन किया।
भाजपा विधायक और पोलिंग एजेंट पराग अलवानी ने दावा किया, ‘‘प्रत्येक मतदाता को अपना वोट अधिकृत एजेंट को दूर से दिखाना होता है। लेकिन ठाकुर और आव्हाड ने अपने मतपत्र अपने-अपने एजेंटों को सौंप दिए, जबकि कांडे ने अपना मतपत्र दो अलग-अलग पार्टियों के एजेंटों को दिखाया।’’
वहीं, लोक निर्माण विभाग (पीडब्ल्यूडी) मंत्री अशोक चव्हाण ने कहा कि कांग्रेस के पोलिंग एजेंट अमर राजुरकर ने सुधीर मुनगंटीवार (भाजपा) द्वारा डाले गए वोट पर आपत्ति जताई क्योंकि उन्होंने अपना मतपत्र भाजपा के मतदान एजेंट आशीष शेलार को सौंप दिया था।
उद्योग मंत्री सुभाष देसाई ने कहा कि चुनाव अधिकारियों ने सभी आपत्तियों को खारिज कर दिया। प्रत्येक उम्मीदवार को जीतने के लिए पहली वरीयता के मतों का कोटा 41 होना चाहिए क्योंकि मतदाताओं की कुल संख्या 288 से घटकर 285 हो गई।
जेल में बंद राकांपा नेता नवाब मलिक और अनिल देशमुख को अदालतों ने मतदान के लिए एक दिन की जमानत देने से इनकार कर दिया। शिवसेना विधायक रमेश लटके का हाल ही में निधन हो गया। भाजपा के विधायक लक्ष्मण जगताप और मुक्ता तिलक एंबुलेंस से विधान भवन पहुंचे, जबकि शिवसेना विधायक महेंद्र दलवी वॉकर की मदद से आए।
मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने विश्वास व्यक्त किया कि सत्तारूढ़ गठबंधन के सभी चार उम्मीदवार जीतेंगे। ठाकरे विधान परिषद के सदस्य हैं इसलिए वह इस चुनाव में मतदाता नहीं थे।
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