खरगे ने संविधान की ‘लाल किताब’ की तुलना ‘शहरी नक्सलवाद’ से करने के लिए प्रधानमंत्री पर निशाना साधा |

खरगे ने संविधान की ‘लाल किताब’ की तुलना ‘शहरी नक्सलवाद’ से करने के लिए प्रधानमंत्री पर निशाना साधा

खरगे ने संविधान की ‘लाल किताब’ की तुलना ‘शहरी नक्सलवाद’ से करने के लिए प्रधानमंत्री पर निशाना साधा

:   Modified Date:  November 10, 2024 / 03:02 PM IST, Published Date : November 10, 2024/3:02 pm IST

(तस्वीर के साथ)

मुंबई, 10 नवंबर (भाषा) कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने संविधान की ‘‘लाल किताब’’ की तुलना ‘‘शहरी नक्सलवाद’’ से करने के लिए नरेन्द्र मोदी और भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की रविवार को आलोचना की और कहा कि प्रधानमंत्री ने 2017 में तत्कालीन राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद को इसी तरह की प्रति दी थी।

महाराष्ट्र में 20 नवंबर को होने वाले विधानसभा चुनाव के लिए विपक्षी महा विकास आघाडी (एमवीए) का घोषणापत्र जारी करने के बाद यहां एक संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए खरगे ने यह भी कहा कि उनकी पार्टी की जाति जनगणना कराने की मांग लोगों को बांटने के लिए नहीं बल्कि यह समझने के लिए है कि विभिन्न समुदायों की वर्तमान स्थिति कैसी है ताकि उन्हें और लाभ मिल सके।

महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने हाल में आरोप लगाया था कि कांग्रेस नेता राहुल गांधी अपने हाथ में ‘‘लाल किताब’’ दिखाकर ‘‘शहरी नक्सलियों और अराजकतावादियों’’ का समर्थन हासिल करने का प्रयास कर रहे हैं।

लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी अपनी रैलियों में संविधान संक्षिप्त संस्करण की लाल कवर वाली पुस्तक की प्रति दिखाते रहे हैं।

खरगे ने कहा कि लाल किताब का इस्तेमाल केवल संदर्भ के लिए किया गया है और यह पूरा संविधान नहीं है।

उन्होंने मोदी और कोविंद की एक तस्वीर दिखाते हुए कहा, ‘‘यहां तक कि नरेन्द्र मोदी ने भी 26 जुलाई 2017 को तत्कालीन राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद को ऐसी ही एक प्रति दी थी।’’

खरगे ने संविधान की लाल किताब भी दिखायी और कहा कि इसके कोरे पन्ने नहीं है जैसा कि मोदी और भाजपा के लोग बता रहे हैं।

कांग्रेस अध्यक्ष ने प्रधानमंत्री पर निशाना साधते हुए कहा, ‘‘उनका प्राथमिक विद्यालय में फिर से दाखिला कराना जरूरी है।’’

उन्होंने एमवीए के घोषणापत्र को समावेशी और सहभागिता आधारित बताया।

खरगे ने कहा कि महाराष्ट्र के लिए सत्तारूढ़ महायुति को हराना और स्थिरता एवं सुशासन के लिए एमवीए का समर्थन करना महत्वपूर्ण है।

भाषा गोला संतोष

संतोष

 

(इस खबर को IBC24 टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)