कंगना की 'इमरजेंसी' अगर अच्छी है तो देरी और विवादों का असर पड़ने की संभावना नहीं: व्यापार विशेषज्ञ |

कंगना की ‘इमरजेंसी’ अगर अच्छी है तो देरी और विवादों का असर पड़ने की संभावना नहीं: व्यापार विशेषज्ञ

कंगना की 'इमरजेंसी' अगर अच्छी है तो देरी और विवादों का असर पड़ने की संभावना नहीं: व्यापार विशेषज्ञ

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Modified Date: January 16, 2025 / 10:04 PM IST
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Published Date: January 16, 2025 10:04 pm IST

मुंबई, 16 जनवरी (भाषा) कंगना रनौत अभिनीत ‘इमरजेंसी’ कई बार टलने और विवादों के बाद आखिरकार शुक्रवार को सिनेमाघरों में आने वाली है।

विशेषज्ञों ने कहा कि यदि अभिनेत्री- राजनीतिज्ञ की कहानी कहने की कला उनकी अभिनय क्षमता से मेल खाती है तो यह राजनीतिक फिल्म होने के बावजूद अच्छा प्रदर्शन करेगी।

इस फिल्म को बृहस्पतिवार को एक नए विवाद का सामना करना पड़ा, जब शीर्ष गुरुद्वारा निकाय शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी (एसजीपीसी) ने पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान को पत्र लिखकर “इमरजेंसी” की रिलीज पर प्रतिबंध लगाने की मांग की। पत्र में कहा गया कि यह सिखों की छवि को “धूमिल” करती है और इतिहास को “गलत तरीके से प्रस्तुत” करती है।

इस फिल्म के निर्माता जी स्टूडियोज और रनौत का बैनर मणिकर्णिका फिल्म्स हैं।

हालांकि, छत्तीसगढ़, महाराष्ट्र और मध्य प्रदेश में सिनेमाघरों के मालिक अक्षय राठी को उम्मीद है कि रिलीज़ में देरी के बावजूद फिल्म पहले दिन में बॉक्स ऑफिस पर पांच से छह करोड़ रुपये की अच्छी कमाई करेगी।

उन्होंने ‘पीटीआई-भाषा’ से कहा, “अगर फिल्म की कहानी दमदार है तो एक सीमा से अधिक देरी से कोई खास परेशानी नहीं होती। ‘पुष्पा 2’ को करीब दो साल पहले ही रिलीज होना था लेकिन यह सबसे ज्यादा कमाई करने वाली भारतीय फिल्म बन गई है। हमारे पास ‘कश्मीर फाइल्स’ जैसी फिल्में हैं जो राजनीतिक थीं लेकिन लोग सिनेमाघरों में देखने आए।”

राठी ने कहा, “ रनौत हमारे लिए सबसे अच्छी अभिनेत्री हैं और हमें यह देखना होगा कि एक कहानीकार के रूप में उनकी क्षमता अभिनेत्री के रूप में उनकी क्षमताओं से मेल खाती है या नहीं।”

हिमाचल प्रदेश के मंडी से भाजपा सांसद रनौत ने इस फिल्म में 1975 में तत्कालीन प्रधानमंत्री द्वारा लगाए गए 21 महीने के आपातकाल को दर्शाया है। इस फिल्म में वह खुद भी अभिनय कर रही हैं।

राजनीतिक विश्लेषक संजय रानाडे ने कहा कि हिंदी सिनेमा में राजनीति को समग्र रूप से नहीं दिखाया जा सकता और यह फिल्म इकहरी लगती है।

रानाडे ने कहा, “जब आप ‘इमरजेंसी’ का ट्रेलर देखेंगे तो पाएंगे कि यह पूरी तरह से एकतरफा है। ट्रेलर का पहला हिस्सा उन घटनाओं के बारे में बात करता है जिन्हें अस्पष्ट रूप से पेश किया गया है। यह कोई राजनीतिक कहानी नहीं है। इस किरदार या इस घटना के कई आयाम हैं, लेकिन मुझे नहीं लगता कि फिल्म में ऐसा है, यह एक आयामी होगी।’

भाषा नोमान माधव

माधव

 

(इस खबर को IBC24 टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)

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