विपक्षी दलों को भाजपा के खिलाफ साझा न्यूनतम कार्यक्रम के आधार पर सहमति बनाने की जरूरत है: पवार |

विपक्षी दलों को भाजपा के खिलाफ साझा न्यूनतम कार्यक्रम के आधार पर सहमति बनाने की जरूरत है: पवार

विपक्षी दलों को भाजपा के खिलाफ साझा न्यूनतम कार्यक्रम के आधार पर सहमति बनाने की जरूरत है: पवार

:   Modified Date:  June 16, 2023 / 08:06 PM IST, Published Date : June 16, 2023/8:06 pm IST

(फाइल फोटो के साथ)

जलगांव (महाराष्ट्र), 16 जून (भाषा) राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) के प्रमुख शरद पवार ने शुक्रवार को कहा कि वह केंद्र में नरेन्द्र मोदी सरकार का विकल्प प्रदान करने के लिए सभी विपक्षी दलों को न्यूनतम साझा कार्यक्रम के आधार पर एकता बनाने के लिए राजी करेंगे।

पवार ने यहां पत्रकारों से कहा कि भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) को ज्यादातर उन राज्यों में खारिज कर दिया गया है जहां वह शासन कर रही थी। उन्होंने आरोप लगाया कि भाजपा ने सत्ता हथियाने के लिए चुनी हुई सरकारों को गिराया है।

राकांपा प्रमुख ने कहा, ‘‘यदि लोगों ने राज्य स्तर पर भाजपा को खारिज कर दिया है, तो उनका (नागरिकों का) नजरिया राष्ट्रीय स्तर पर अलग नहीं होगा।’’

उन्होंने बताया कि 23 जून को बिहार के पटना में होने वाली विपक्षी दलों की बैठक में वह अपनी बात रखेंगे। उन्होंने कहा, ‘‘सभी गैर-भाजपा दलों को एक साथ बैठने और न्यूनतम साझा कार्यक्रम के आधार पर विपक्षी एकता बनाने के बारे में सोचने की जरूरत है।’’

पूर्व केंद्रीय मंत्री ने कहा, ‘‘भाजपा ने बड़े-बड़े आश्वासन दिये, लोगों की अपेक्षाएं बढ़ाईं, लेकिन कुछ नहीं किया। यह एक विकल्प प्रदान करने का समय है।’’

तेलंगाना के मुख्यमंत्री के. चंद्रशेखर राव के नेतृत्व वाली भारत राष्ट्र समिति (बीआरएस) के महाराष्ट्र में पैठ बनाने की बात करने पर पवार ने कहा कि कांग्रेस-राकांपा गठबंधन को 2019 के चुनावों में प्रकाश आंबेडकर की वंचित बहुजन अघाड़ी (वीबीए) की मौजूदगी के कारण हार का सामना करना पड़ा था।

उन्होंने कहा, ‘‘भले ही सभी दलों को किसी भी राज्य में अपना जनाधार बढ़ाने का अधिकार है, लेकिन यह देखना होगा कि क्या बीआरएस (भाजपा की) एक बी टीम है।’’

राव ने बृहस्पतिवार को नागपुर में पार्टी का एक कार्यालय खोला था और कहा था कि बीआरएस महाराष्ट्र में अपने आधार का विस्तार करेगी ताकि आगामी चुनाव अपने दम पर लड़ सके।

समान नागरिक संहिता (यूसीसी) के बारे में पूछे जाने पर, पवार ने कहा कि जाति और धर्म से ऊपर उठकर सभी नागरिकों के लिए जनसंख्या नियंत्रण कानून की आवश्यकता है लेकिन यह जानने की जरूरत है कि क्या यूसीसी ‘‘एक विशेष समुदाय को लेकर लक्षित है’’ और ‘‘तब हम (उस पर) बोल सकते हैं।’’

कर्नाटक में नव-निर्वाचित कांग्रेस सरकार द्वारा स्कूली पुस्तकों से हिंदुत्व विचारक दिवंगत वी. डी. सावरकर और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) संस्थापक केशव हेडगेवार पर अध्याय हटाने के बारे में पूछे जाने पर पवार ने कहा कि कांग्रेस ने अपने विधानसभा चुनाव घोषणापत्र में इस तरह के कदम का वादा किया था।

पवार ने कहा, ‘‘यदि कर्नाटक के लोग उन्हें वोट देकर सत्ता में लाये हैं, तो इसका मतलब है कि वे कांग्रेस के विचारों से सहमत हैं।’’

मंगलवार को कई दैनिक समाचार पत्रों में छपे उस विज्ञापन पर, जिसमें दावा किया गया था कि एक सर्वेक्षण से पता चलता है कि महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस से अधिक लोकप्रिय हैं, राकांपा नेता ने कहा कि इसने एक गलतफहमी को दूर किया कि सत्तारूढ़ शासन में भाजपा की बड़ी भूमिका है।

उन्होंने शिंदे-फडणवीस सरकार पर निशाना साधते हुए कहा, ‘‘इस तथ्य के बारे में जागरूकता पैदा करने में विज्ञापन ने ऐतिहासिक भूमिका निभाई।’’

इस विज्ञापन के छपने के बाद सत्तारूढ़ भाजपा और शिंदे की अगुवाई वाली शिवसेना गुट के बीच राजनीतिक खींचतान शुरू हो गयी थी। इस विज्ञापन में एक सर्वेक्षण का हवाला देकर बताया गया था कि लोकप्रियता के मामले में शिंदे फडणवीस से आगे हैं।

भाषा

देवेंद्र पवनेश

पवनेश

 

(इस खबर को IBC24 टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)