मुंबई, 28 अप्रैल (भाषा) बंबई उच्च न्यायालय ने भारतीय जनता पार्टी के पूर्व सांसद किरीट सोमैया और उनके बेटे नील सोमैया को गिरफ्तारी से मिले अंतरिम संरक्षण की समय सीमा बृहस्पतिवार को 14 जून तक के लिए बढ़ा दी।
नौसेना की सेवा से हटा दिये जा चुके विमानवाहक पोत ‘विक्रांत’ का कायाकल्प करने के लिए जुटाए गए कोष का गबन करने के आरोप में पिता-पुत्र के खिलाफ दर्ज मामले में अदालत ने उन्हें यह अंतरिम राहत दी है।
न्यायमूर्ति अनुजा प्रभुदेसाई ने 13 अप्रैल को भाजपा नेता को गिरफ्तारी से अंतरिम राहत दी थी और 20 अप्रैल को उनके बेटे को भी यही राहत प्रदान कर दी थी।
उच्च न्यायालय ने उस समय कहा था कि उनकी गिरफ्तारी की स्थिति में दोनों आरोपियों को 50-50 हजार रुपये के मुचलके पर रिहा किया जाए।
अदालत ने यह भी कहा था कि इस मामले में सेना के पूर्व कर्मी की ओर से दर्ज कराई गई शिकायत अस्पष्ट है और मीडिया में आई खबरों पर आधारित है। हालांकि, अदालत ने सोमैया और उनके बेटे को तय तारीखों पर पूछताछ के लिए मुंबई पुलिस के समक्ष पेश होने का निर्देश दिया था।
बृहस्पतिवार को, राज्य के वकील शिरीष गुप्ते ने कहा कि सोमैया पुलिस के साथ सहयोग कर रहे हैं और मामले में जांच अधिकारी को ‘उनसे कम से कम और तीन दिनों तक पूछताछ करने की जरूरत है।’
सोमैया के वकील अशोक मुंदारगी ने कहा कि जब भी दोनों को पूछताछ के लिए बुलाया जाएगा तो वे पुलिस के समक्ष उपस्थित होंगे।
न्यायमूर्ति प्रभुदेसाई ने अपने आदेश में मुंदारगी का बयान दर्ज किया और कहा कि दोनों याचिकाकर्ताओं को दी गई अंतरिम राहत 14 जून तक बढ़ा दी जाए, जो मामले की सुनवाई की अगली तारीख है।
शिकायत के अनुसार, किरीट सोमैया और कुछ अन्य ने नौसेना की सेवा से हटा दिये जा चुके विमानवाहक पोत ‘विक्रांत’ के कायाकल्प के लिए 57 करोड़ रुपये से अधिक एकत्र किए थे। हालांकि, महाराष्ट्र के राज्यपाल के सचिव कार्यालय में राशि जमा करने के बजाय, भाजपा नेता ने कथित तौर पर धन का गबन कर लिया।
भाषा
नोमान सुभाष
सुभाष
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