उद्योग महाराष्ट्र से चले गये क्योंकि एमवीए सरकार ने उसका साथ नहीं दिया था : मुख्यमंत्री |

उद्योग महाराष्ट्र से चले गये क्योंकि एमवीए सरकार ने उसका साथ नहीं दिया था : मुख्यमंत्री

उद्योग महाराष्ट्र से चले गये क्योंकि एमवीए सरकार ने उसका साथ नहीं दिया था : मुख्यमंत्री

:   Modified Date:  November 16, 2024 / 09:42 PM IST, Published Date : November 16, 2024/9:42 pm IST

(तस्वीरों के साथ)

रत्नागिरि, 16 नवंबर (भाषा) महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने शनिवार को दावा किया कि उद्योग राज्य से इसलिए चले गये क्योंकि पिछली महा विकास आघाड़ी (एमवीए) सरकार ने उसका साथ नहीं दिया लेकिन अब स्थिति बदल गयी है।

राज्य में 20 नवंबर को होने वाले विधानसभा चुनाव से पहले इस तटीय जिले में गुहागर विधानसभा क्षेत्र में एक रैली को संबोधित करते हुए शिंदे ने यह भी कहा कि महाराष्ट्र ने फिर देश में शीर्ष स्थान हासिल किया है और कुल प्रत्यक्ष विदेशी निवेश प्रवाह में 52 फीसदी इस राज्य में आया।

उन्होंने कहा, ‘‘महा विकास आघाड़ी के कारण उद्योग राज्य से चले गए क्योंकि उन्हें (सरकार से) समर्थन नहीं मिला और इसके लिए हमें दोषी ठहराया जा रहा है। आप (एमवीए) बताएं कि आपने ढाई साल में क्या किया। मैं राज्य में लाए गए उद्योगों और चालू उद्योगों का हिसाब देने के लिए तैयार हूं। लोगों को सच्चाई बताइए।’’

शिंदे ने दावा किया कि शिवसेना-भाजपा सरकार ने पांच लाख करोड़ रुपये का निवेश लाया है।

विपक्ष आरोप लगा रहा है कि वर्तमान शासन में कुछ बड़ी परियोजनाएं महाराष्ट्र से गुजरात चली गयीं।

जिले में विवादास्पद बारसू रिफाइनरी परियोजना के बारे में शिंदे ने कहा कि यह एमवीए सरकार ही थी जिसने इसकी मंजूरी दी थी। उन्होंने आश्वासन दिया कि लोगों की सहमति के बगैर इसे जबरन लागू नहीं किया जाएगा।

उन्होंने आरोप लगाया कि उनके पूर्ववर्ती और पूर्व पार्टी प्रमुख उद्धव ठाकरे ने मुख्यमंत्री पद के लिए शिवसेना संस्थापक बाल ठाकरे के आदर्शों का परित्याग कर दिया।

उन्होंने कहा, ‘‘एकनाथ शिंदे ने शिवसेना और उसके तीर-धनुष निशान को बचाया। आप तो उन लोगों के बगल में बैठ गये जिन्होंने बालासाहब को गालियां दीं।’’

शिंदे ने जून, 2022 में उद्धव ठाकरे सरकार को गिरा दी थी। उससे पहले उन्होंने बगावत कर शिवसेना को दो हिस्सों में बांट दिया था।

शिंदे ने कहा कि उनकी सरकार ऐसी सरकार है जो देती है, कुछ लेती नहीं है। उन्होंने कहा कि सत्तारूढ़ गठबंधन का घोषणापत्र महज ‘ट्रेलर’ है।

शिंदे ने कहा कि वह अपने द्वारा शुरू की गयी योजनाओं को लेकर जेल जाने को तैयार हैं।

विपक्ष ने शिंदे की सरकार के कार्यक्रमों की जांच कराने का वादा किया है।

भाषा

राजकुमार रंजन

रंजन

 

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