भारत को आरएसएस, मोदी और अमित शाह से खतरा है: खरगे |

भारत को आरएसएस, मोदी और अमित शाह से खतरा है: खरगे

भारत को आरएसएस, मोदी और अमित शाह से खतरा है: खरगे

Edited By :  
Modified Date: November 10, 2024 / 08:57 PM IST
,
Published Date: November 10, 2024 8:57 pm IST

(तस्वीरों के साथ जारी)

मुंबई, 10 नवंबर (भाषा) कांग्रेस प्रमुख मल्लिकार्जुन खरगे ने रविवार को ‘एक हैं तो ‘सेफ’ हैं’ और ‘बंटेंगे तो कटेंगे’ नारों की आलोचना करते हुए आरोप लगाया कि भारत को राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस), भारतीय जनता पार्टी (भाजपा), प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह से खतरा है।

खरगे ने मुंबई में ‘संविधान बचाओ’ सम्मेलन को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री पर निशाना साधा और आरोप लगाया कि संसद में चर्चा और बहस की अनुमति नहीं है।

खरगे ने कहा, ‘‘प्रधानमंत्री कहते हैं ‘एक हैं तो ‘सेफ’ हैं’ जबकि (भाजपा के) अन्य नेता ‘बंटेंगे तो कटेंगे’ की बात करते हैं। किसे खतरा है? क्या कोई समस्या है? वास्तव में, देश को आरएसएस, भाजपा, मोदी और शाह से खतरा है।’’

प्रधानमंत्री मोदी ने 20 नवंबर को होने वाले महाराष्ट्र विधानसभा चुनावों के लिए भाजपा के प्रचार अभियान की शुरुआत करते हुए ‘एक हैं तो ‘सेफ’ हैं’ का जिक्र किया था और कांग्रेस पर अन्य पिछड़ा वर्गों (ओबीसी), अनुसूचित जातियों (एससी) और अनुसूचित जनजातियों (एसटी) को बांटने की कोशिश करने का आरोप लगाया था।

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का नारा ‘बंटेंगे तो कटेंगे’ भी काफी चर्चा में है जिसे हिंदुओं से एकजुट रहने के आह्वान के तौर पर देखा जा रहा है।

खरगे ने मोदी के खिलाफ अपना हमला जारी रखते हुए सवाल किया कि क्या उन्हें लोकतांत्रिक प्रधानमंत्री कहा जा सकता है?

कांग्रेस के वरिष्ठ नेता ने कहा, ‘‘मुद्दों का समाधान चर्चा के जरिए किया जा सकता है, जिससे लोकतंत्र मजबूत होगा लेकिन वे (भाजपा) लोकतंत्र को खत्म करना चाहते हैं।’’

खरगे ने कहा कि पूर्व प्रधानमंत्रियों दिवंगत जवाहरलाल नेहरू, दिवंगत इंदिरा गांधी और दिवंगत अटल बिहारी वाजपेयी के कार्यकालों के विपरीत मोदी के नेतृत्व में राजनीतिक शिष्टाचार नहीं है।

उन्होंने कहा, ‘‘वाजपेयी, नेहरू और इंदिरा गांधी ने अपने राजनीतिक मतभेदों के बावजूद एक-दूसरे का परस्पर सम्मान किया लेकिन मोदी लगातार हम पर हमला करते हैं और हमें जवाब देना पड़ता है।’’

खरगे विधानसभा चुनावों के लिए शिवसेना-उद्धव बालासाहेब ठाकरे(यूबीटी), कांग्रेस और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी-शरदचंद्र पवार(राकांपा- एसपी) के महा विकास आघाडी (एमवीए) गठबंधन के घोषणापत्र का अनावरण करने के लिए मुंबई में थे।

महाराष्ट्र में राजनीतिक वर्चस्व के लिए एमवीए और भाजपा नीत सत्तारूढ़ महायुति गठबंधन के बीच कड़ी प्रतिस्पर्धा है।

खरगे ने भाजपा पर मुद्दों को तोड़-मरोड़ कर पेश करने और लोगों को बांटने का आरोप लगाया।

उन्होंने कहा, ‘‘भाजपा और आरएसएस ने पहले ही लोगों को बांट दिया है। हम लोगों को एकजुट करने के लिए काम करते हैं।’’

उन्होंने आरोप लगाया कि जब भी भाजपा को लगता है कि वह चुनाव नहीं जीत सकती और सरकार नहीं बना सकती, तब वह अपने राजनीतिक विरोधियों के खिलाफ प्रवर्तन निदेशालय (ईडी), केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) और अन्य केंद्रीय एजेंसियों का इस्तेमाल करती है।

खरगे ने कहा, ‘‘केंद्रीय एजेंसियां नेताओं को कब तक डराती-धमकाती रहेंगी और उन्हें जेल में डालती रहेंगी? हम सरकार के खिलाफ दृढ़ संकल्प के साथ लड़ रहे हैं।’’

राकांपा (एसपी) की कार्यकारी अध्यक्ष सुप्रिया सुले ने कहा कि शरद पवार के नेतृत्व वाला गुट और शिवसेना (यूबीटी) प्रतिद्वंद्वी गुटों को आवंटित चुनाव चिह्नों को ‘फ्रीज’ करने के लिए उच्चतम न्यायालय में अपनी कानूनी लड़ाई जारी रखेंगे।

उन्होंने कहा, ‘‘हमें लगता है कि हमारे नए चुनाव चिह्न पिछले चिह्नों से बेहतर हैं।’’

उन्होंने कहा कि भाजपा के खिलाफ उनकी लड़ाई व्यक्तिगत नहीं, बल्कि यह विचारधारा और सिद्धांतों की लड़ाई है।

भाषा सिम्मी नरेश

नरेश

 

(इस खबर को IBC24 टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)

Flowers