भारत ने अपने 'रत्न' रतन टाटा को भावभीनी विदाई दी, लेकिन उनकी विरासत हमेशा जीवित रहेगी |

भारत ने अपने ‘रत्न’ रतन टाटा को भावभीनी विदाई दी, लेकिन उनकी विरासत हमेशा जीवित रहेगी

भारत ने अपने 'रत्न' रतन टाटा को भावभीनी विदाई दी, लेकिन उनकी विरासत हमेशा जीवित रहेगी

:   Modified Date:  October 10, 2024 / 10:17 PM IST, Published Date : October 10, 2024/10:17 pm IST

(तस्वीरों के साथ)

मुंबई, 10 अक्टूबर (भाषा) भारत की आर्थिक राजधानी ने अपने सबसे प्रतिष्ठित पुत्रों में से एक रतन टाटा को बृहस्पतिवार को भावभीनी विदाई दी और हजारों आम नागरिकों से लेकर दिग्गजों ने उनकी अंतिम यात्रा से पहले उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की।

प्रसिद्ध उद्योगपति एवं परोपकारी टाटा का अंतिम संस्कार बृहस्पतिवार शाम मध्य मुंबई स्थित एक शवदाह गृह में पूरे राजकीय सम्मान के साथ किया गया। मुंबई पुलिस ने उन्हें श्रद्धांजलि और गार्ड ऑफ ऑनर दिया। पद्म विभूषण से सम्मानित टाटा (86) का बुधवार रात शहर के एक अस्पताल में निधन हो गया।

शवदाह गृह में मौजूद एक धर्म गुरु ने बताया कि अंतिम संस्कार पारसी परंपरा के अनुसार किया गया।

उन्होंने बताया कि अंतिम संस्कार के बाद दिवंगत उद्योगपति के दक्षिण मुंबई के कोलाबा स्थित बंगले में तीन दिन तक अनुष्ठान किए जाएंगे।

बुधवार देर रात उनके निधन के बाद, बृहस्पतिवार तड़के उनके पार्थिव शरीर को उनके निवास स्थान पर ले जाया गया, तथा वहां से एक सांस्कृतिक केंद्र में ले जाया गया, ताकि आम जनता उन्हें अंतिम श्रद्धांजलि दे सके।

उद्योग जगत की हस्तियां, शीर्ष राजनीतिक नेता, खेल और फिल्म जगत की शख्सियतें तथा मुंबईवासी टाटा समूह के पूर्व अध्यक्ष को अंतिम श्रद्धांजलि देने के लिए एकत्र हुए।

जैसा कि महाराष्ट्र सरकार ने पहले ही घोषणा की थी, अंतिम संस्कार पूरे राजकीय सम्मान के साथ हुआ, जिसके तहत ताबूत को तिरंगा से लपेटा गया और मुंबई पुलिस ने बंदूकें चलाकर उन्हें सलामी दी। महाराष्ट्र मंत्रिमंडल ने एक प्रस्ताव पारित कर केंद्र से दिग्गज उद्योगपति को देश के सर्वोच्च नागरिक सम्मान भारत रत्न से सम्मानित करने का आग्रह किया।

केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने राष्ट्रीय कला प्रदर्शन केंद्र (एनसीपीए) में पुष्पांजलि अर्पित की।

सबसे अमीर भारतीय मुकेश अंबानी के नेतृत्व में अंबानी परिवार ने भी दिवंगत कारोबारी को श्रद्धांजलि अर्पित की।

क्रिकेट के दिग्गज सचिन तेंदुलकर उन लोगों में शामिल थे जो टाटा के कोलाबा स्थित घर पर श्रद्धांजलि देने पहुंचे, उसके बाद पार्थिव शरीर को एनसीपीए परिसर ले जाया गया। प्रसिद्ध सांस्कृतिक संस्थान में पहले से ही भीड़ उमड़ पड़ी थी।

विभिन्न क्षेत्रों की हस्तियों ने आम लोगों के साथ मिलकर रतन टाटा को अंतिम श्रद्धांजलि अर्पित की। एनसीपीए पहुंचे कारोबारी जगत के जाने-माने नामों में टाटा समूह के अध्यक्ष नटराजन चंद्रशेखरन, आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास, कुमार मंगलम बिड़ला और एलएंडटी के प्रमुख एस एन सुब्रह्मण्यन शामिल थे।

एनसीपीए पहुंचने वाले शीर्ष नेताओं में राकांपा (एसपी) अध्यक्ष शरद पवार, महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे, आंध्र प्रदेश के उनके समकक्ष एन चंद्रबाबू नायडू, गुजरात के मुख्यमंत्री भूपेन्द्र पटेल, महाराष्ट्र के उप मुख्यमंत्री देवेन्द्र फडणवीस व अजित पवार, शिवसेना (यूबीटी) प्रमुख उद्धव ठाकरे और महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना के अध्यक्ष राज ठाकरे शामिल थे।

फिल्म अभिनेता आमिर खान और उनकी पूर्व पत्नी किरण राव, निर्देशक मधुर भंडारकर और अभिनेता राजपाल यादव ने भी रतन टाटा को श्रद्धांजलि अर्पित की।

धक्का-मुक्की के लिए बदनाम शहर में, कार्यक्रम स्थल (एनसीपीए) पर भीड़ बहुत अनुशासित रही।

जाने-पहचाने नामों से ज़्यादा आम लोग, खासकर छात्र और युवा, एनसीपीए में दिग्गज को श्रद्धांजलि देने के लिए उमड़ पड़े।

छात्र अभिषेक गभने (23) ने कहा, “मुझे लगा कि मैंने अपने परिवार का कोई सदस्य खो दिया है। उन्होंने लोगों और देश के लिए बहुत कुछ किया।”

टाटा समूह के कर्मचारी भी बड़ी संख्या में उपस्थित थे। इनमें नमक से लेकर सॉफ्टवेयर बनाने वाले वैश्विक समूह के तीसरी पीढ़ी के कर्मचारी सिद्धार्थ चंदनशिवे भी शामिल थे जिन्होंने समूह की उपलब्धियों का श्रेय रतन टाटा को दिया।

जब एनसीपीए से वर्ली स्थित शवदाह गृह तक पांच किलोमीटर से अधिक की यात्रा के लिए पार्थिव शरीर को ले जाने की तैयार की जा रही थी, तो एक बहुत ही मार्मिक दृश्य देखने को मिला। रतन टाटा का पालतू कुत्ता ‘गोवा’ पार्थिव शरीर के पास से हटने को राज़ी न था।

जैसे ही शव यात्रा एनसीपीए से बाहर निकली, ‘अमर रहे’, ‘भारत माता की जय’ और ‘वंदे मातरम’ के नारे लगने लगे। फूलों से सजी एक वैन और कुछ पुलिस वाहनों का काफिला उत्तर की ओर बढ़ रहा था।

टाटा का विद्युत शवदाह गृह में अंतिम संस्कार किया गया। भारी भीड़ के कारण लोगों को वहां प्रवेश से रोकना पड़ा।

जैसे ही राजनीतिक नेताओं समेत महत्वपूर्ण हस्तियां शवदाह गृह से बाहर निकलीं, लोग अंदर की ओर दौड़ पड़े, लेकिन उन्हें करीब 100 मीटर दूर रोक दिया गया।

अंतिम संस्कार में मदद करने वाले धर्म गुरुओं में से एक पेरी खंबाटा ने बताया कि अंतिम संस्कार केवल पहला कदम है और टाटा के निवास पर तीन दिन तक अनुष्ठान किए जाएंगे।

टाटा को 156 साल पुराने कारोबारी समूह को विश्व स्तर पर प्रसिद्ध समूह बनाने का श्रेय है। महाराष्ट्र सरकार ने दिग्गज उद्योगपति के सम्मान में बृहस्पतिवार को राज्य में एक दिन का शोक घोषित किया। कई अन्य राज्यों ने भी एक दिन का शोक घोषित किया।

भाषा

नोमान अविनाश

अविनाश

 

(इस खबर को IBC24 टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)