नागपुर, सात सितंबर (भाषा) ऑल इंडिया मजलिस -ए-इत्तेहादुल मुस्लमीन (एआईएमआईएम) के नेता इम्तियाज जलील ने शनिवार को कहा कि पार्टी ने महा विकास आघाडी (एमवीए) को गठबंधन का प्रस्ताव दिया है लेकिन यदि यह विपक्षी गठबंधन नौ सितंबर पर इस प्रस्ताव पर जवाब नहीं देता है तो वह अपने बूते पर चुनाव लड़ेगी।
जलील ने कहा कि एआईएमआईएम उन चंद सीट पर चुनाव लड़ना चाह रही है जहां उसका मजबूत प्रभाव है।
उन्होंने यहां संवाददाताओं से कहा कि एआईएमआईएम महसूस करती है कि भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) नीत सत्तारूढ़ गठबंधन महायुति को महाराष्ट्र में सरकार नहीं बनाना चाहिए। इस गठबंधन में एकनाथ की शिवसेना और अजित पवार की अगुवाई वाली राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी अन्य घटक दल हैं।
उन्होंने कहा कि एआईएमआईएम और शिवसेना (यूबीटी) की विचाराधाराएं भिन्न-भिन्न होने के बाद वे ‘राजनीतिक बाध्यता’ के कारण एवं राज्य के किसानों एवं लोगों के हित में एमवीए के साथ गठजोड़ करने के लिए तैयार हैं।
महाराष्ट्र में 288 सदस्यीय विधानसभा के लिए एक-दो महीने में चुनाव होने की संभावना है।
जलील ने कहा कि एआईएमआईएम की एमवीए– कांग्रेस, उद्धव ठाकरे की अगुवाई वाली शिवसेना (यूबीटी) और शरद पवार की राकांपा (एसपी) के नेताओं के साथ उन सीट पर चुनाव लड़ने के अपने इस प्रस्ताव पर कुछ बातचीत की है जहां पार्टी मजबूत है।
उन्होंने कहा कि एमवीए ने एआईएमआईएम के प्रस्ताव पर चर्चा के लिए कुछ समय मांगा था लेकिन ऐसा नहीं हुआ। उन्होंने कहा, ‘‘ हमने कई सीट का प्रस्ताव नहीं दिया है।’’
उन्होंने कहा, ‘‘हमने बहुत इंतजार किया है। अगर वे आखिरी समय में हमें साथ लेने से इनकार कर देते हैं तो क्या होगा? अगर वे नौ सितंबर तक जवाब नहीं देते हैं, तो हम अपने इच्छुक उम्मीदवारों के लिए फॉर्म वितरित करना शुरू कर देंगे। हम तय करेंगे कि राज्य में एआईएमआईएम कितनी सीट पर चुनाव लड़ेगी। हम अपनी स्थिति की समीक्षा कर रहे हैं।’’
वर्ष 2019 के पिछले चुनाव में एआईएमआईएम ने 44 सीट पर चुनाव लड़ा था जिसमें दो पर वह विजयी रही थी। भाजपा को तब 105, अविभाजित राकांपा को 56 और शिवसेना को 54 एवं कांग्रेस को 44 सीट मिली थी।
उन्होंने कहा, ‘‘ऐसा लगता है कि वे मंच पर केवल तीन कुर्सियां चाहते हैं…शरद पवार, उद्धव ठाकरे और नाना पटोले (प्रदेश कांग्रेस प्रमुख) की। वे नहीं चाहते कि हम मंच पर चौथी पार्टी बनें।’’
औरंगाबाद लोकसभा सीट का प्रतिनिधित्व करने वाले जलील ने कहा कि उनकी पार्टी को एमवीए के साथ गठबंधन से बहुत लाभ नहीं होगा, लेकिन अगर वह एआईएमआईएम को साथ नहीं लेती है तो विपक्षी गठबंधन को भारी नुकसान हो सकता है।
भाषा राजकुमार माधव
माधव
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