मुंबई, 12 जुलाई (भाषा) क्षेत्रीय परिवहन कार्यालय (आरटीओ) ने पुणे स्थित उस निजी कंपनी को नोटिस जारी किया है जिसके नाम पर वह ऑडी कार पंजीकृत है, जिसका इस्तेमाल विवादास्पद परिवीक्षाधीन आईएएस अधिकारी पूजा खेडकर ने यहां अपनी तैनाती के दौरान इस पर अवैध रूप से लाल बत्ती लगाकर और “महाराष्ट्र सरकार” लिखकर किया था।
उन्होंने बताया कि पुणे क्षेत्रीय परिवहन कार्यालय ने बृहस्पतिवार को कंपनी के खिलाफ कार्रवाई शुरू की।
आरटीओ के एक वरिष्ठ अधिकारी ने शुक्रवार को कहा, “पुणे आरटीओ ने बृहस्पतिवार शाम को पुणे स्थित एक निजी लिमिटेड कंपनी को नोटिस जारी किया, जिसके नाम पर एमएच-12/एआर-7000 नंबर वाली कार पंजीकृत है। पंजीकृत उपयोगकर्ता के पते के रूप में हवेली तालुका के शिवाने गांव का उल्लेख किया गया था।”
उन्होंने कहा, “नोटिस में कंपनी को निरीक्षण के लिए वाहन को तुरंत आरटीओ कार्यालय में पेश करने को कहा गया है।” उन्होंने कहा कि पुणे आरटीओ ने अपने उड़न दस्ते को वाहन का पता लगाने और आवश्यक कार्रवाई करने का निर्देश दिया है।
सोशल मीडिया पर एक वीआईपी नंबर वाली सफेद रंग की ऑडी कार की तस्वीर व्यापक रूप से प्रसारित हुई है, जिसे 32 वर्षीय खेडकर द्वारा कथित तौर पर इस्तेमाल किया गया है।
खेडकर हाल ही में उस समय सुर्खियों में आईं जब उन्होंने पुणे में अपनी तैनाती के दौरान अलग कक्ष और स्टाफ जैसी अपनी मांगों को लेकर विवाद खड़ा कर दिया था। उन्होंने कथित तौर पर ऑडी कार पर लाल बत्ती का इस्तेमाल किया और बिना अनुमति के उस पर ‘महाराष्ट्र सरकार’ भी लिखवाया।
विवाद के बाद, प्रशिक्षण पूरा होने से पहले ही उन्हें पुणे से वाशिम जिले में स्थानांतरित कर दिया गया।
पुणे के कलेक्टर कार्यालय में उनके आचरण के अलावा, यह भी आरोप है कि खेडकर ने प्रतिष्ठित भारतीय प्रशासनिक सेवा (आईएएस) में पद हासिल करने के लिए दिव्यांगता प्रावधान और अन्य पिछड़ा वर्ग कोटा का दुरुपयोग किया।
आरटीओ के एक अन्य अधिकारी ने बताया कि ऑडी कार के खिलाफ पहले भी कई चालान जारी किए जा चुके हैं। यह कार 27 जून 2012 को पुणे आरटीओ में पंजीकृत की गई थी। यह चालान कथित यातायात उल्लंघन के लिए जारी किए गए थे।
केंद्रीय मोटर वाहन नियम (सीएमवीआर) 1989 की धारा 108 के अनुसार, राज्य सरकार वीआईपी, वीवीआईपी और सरकारी अधिकारियों को सरकारी वाहनों पर लाल या पीले रंग की बत्ती के उपयोग की अनुमति दे सकती है।
दिसंबर 2013 में, राज्य सरकार ने गाड़ियों पर बत्ती का उपयोग करने के हकदार सरकारी पदों की सूची को छोटा कर दिया और उच्चतम न्यायालय के निर्देश पर 2014 में एक संशोधित सूची प्रकाशित की। अक्टूबर 2014 में परिवहन आयुक्त कार्यालय ने विभिन्न विभागों से उन अधिकारियों के वाहनों पर लगी लालबत्ती हटाने को कहा था, जो इनका उपयोग करने के हकदार नहीं हैं।
सूची के अनुसार, राज्य सरकार में सचिव स्तर से ऊपर के शीर्ष अधिकारी, पुलिस महानिरीक्षक और उससे ऊपर के पुलिस अधिकारी तथा क्षेत्रीय आयुक्तों को ही ‘फ्लैशर’ के बिना पीले रंग की बत्ती का उपयोग करने की अनुमति है, जबकि शीर्ष स्तर के जिला अधिकारी नीली बत्ती का उपयोग करने के हकदार हैं।
खेडकर ने अब विदर्भ क्षेत्र के वाशिम जिला कलेक्टरेट में सहायक कलेक्टर के रूप में कार्यभार संभाल लिया है।
भाषा प्रशांत संतोष
संतोष
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