मुझे न्याय चाहिए : सैफ पर हमला मामले में हिरासत में लिये जाने के बाद रिहा व्यक्ति |

मुझे न्याय चाहिए : सैफ पर हमला मामले में हिरासत में लिये जाने के बाद रिहा व्यक्ति

मुझे न्याय चाहिए : सैफ पर हमला मामले में हिरासत में लिये जाने के बाद रिहा व्यक्ति

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Modified Date: January 26, 2025 / 05:26 PM IST
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Published Date: January 26, 2025 5:26 pm IST

मुंबई, 26 जनवरी (भाषा) अभिनेता सैफ अली खान पर हुए हमले के मामले में संदिग्ध के तौर पर छत्तीसगढ़ के दुर्ग में हिरासत में लिए गए एक व्यक्ति ने रविवार को कहा कि पुलिस कार्रवाई के बाद उसका जीवन पूरी तरह अस्त-व्यस्त हो गया है, उसके पास कोई नौकरी नहीं है और परिवार को बदनामी का सामना करना पड़ रहा है।

मुंबई पुलिस से मिली सूचना के बाद रेलवे सुरक्षा बल (आरपीएफ) ने 18 जनवरी को दुर्ग स्टेशन पर मुंबई लोकमान्य तिलक टर्मिनस-कोलकाता शालीमार ज्ञानेश्वरी एक्सप्रेस से आकाश कनौजिया (31) को हिरासत में लिया था, जो एक चालक है।

उन्नीस जनवरी की सुबह मुंबई पुलिस ने पड़ोसी ठाणे से बांग्लादेशी नागरिक शरीफुल इस्लाम शहजाद मोहम्मद रोहिल्ला अमीन फकीर उर्फ ​​विजय दास को गिरफ्तार किया था, जिसके बाद दुर्ग आरपीएफ ने कनौजिया को छोड़ दिया।

पंद्रह जनवरी की रात मुंबई के बांद्रा इलाके में सतगुरु शरण में 12वीं मंजिल पर स्थित अभिनेता सैफ अली खान के आवास में लूटपाट के प्रयास के दौरान एक व्यक्ति ने उनपर कई बार चाकू से वार किया था। खान की सर्जरी हुई और बाद में उन्हें छुट्टी दे दी गई।

कनौजिया ने ‘पीटीआई-भाषा’ से कहा, ‘‘मेरा परिवार तब स्तब्ध रह गया और उनकी आंखों में आंसू आ गए, जब मीडिया ने मेरी तस्वीरें दिखानी शुरू कीं और दावा किया कि मैं इस मामले में मुख्य संदिग्ध हूं। मुंबई पुलिस की एक गलती ने मेरी जिंदगी बर्बाद कर दी। वे यह गौर करने में विफल रहे कि मेरी मूंछें थीं और अभिनेता की बिल्डिंग में लगे सीसीटीवी फुटेज में दिख रहे व्यक्ति की मूंछें भी नहीं थीं।’’

उन्होंने दावा किया, ‘‘घटना के बाद मुझे पुलिस से फोन आया और उन्होंने मुझसे पूछा कि मैं कहां हूं। जब मैंने उन्हें बताया कि मैं घर पर हूं, तो फोन काट दिया गया। मैं अपनी होने वाली दुल्हन से मिलने जा रहा था, तभी मुझे दुर्ग में हिरासत में लिया गया और फिर रायपुर ले जाया गया। वहां पहुंची मुंबई पुलिस की टीम ने मेरे साथ मारपीट भी की।’’

कनौजिया ने कहा कि रिहा होने के बाद उनकी मां ने उन्हें घर आने के लिए कहा, लेकिन उसके बाद से उनकी जिंदगी में उथल-पुथल मच गई। उन्होंने कहा, ‘‘जब मैंने अपने नियोक्ता को फोन किया, तो उन्होंने मुझे काम पर न आने के लिए कहा। उन्होंने मेरी बात सुनने से इनकार कर दिया। इसके बाद मेरी दादी ने मुझे बताया कि मेरी होने वाली दुल्हन के परिवार ने मेरी हिरासत के बाद शादी की बातचीत को आगे बढ़ाने से इनकार कर दिया है।’’

कनौजिया ने दावा किया कि लंबे समय तक इलाज के बाद उनके भाई की मौत हो गई, जिसके कारण उनके परिवार को विरार में अपना घर बेचना पड़ा और कफ परेड की एक चॉल में शिफ्ट होना पड़ा।

कनौजिया ने कहा, ‘‘मेरे खिलाफ कफ परेड में दो और गुरुग्राम में एक मामला दर्ज है। लेकिन इसका मतलब यह नहीं है कि मुझे इस तरह से संदिग्ध के तौर पर पकड़ा जाए और फिर मुझे अधर में छोड़ दिया जाए। मैं सैफ अली खान की बिल्डिंग के बाहर खड़ा होकर नौकरी मांगने की योजना बना रहा हूं, क्योंकि उनके साथ जो हुआ, उसकी वजह से मैंने अपना सब कुछ गंवा दिया है।’’

कनौजिया ने कहा कि यह ईश्वरीय कृपा थी कि दुर्ग रेलवे स्टेशन पर हिरासत में लिए जाने के कुछ ही घंटे के भीतर शरीफुल को पकड़ लिया गया। उन्होंने कहा, ‘‘अन्यथा, कौन जानता है, शायद मुझे मामले में आरोपी के तौर पर पेश किया जाता। अब मुझे न्याय चाहिए।’’

भाषा अमित दिलीप

दिलीप

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(इस खबर को IBC24 टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)

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