मुझे हापुस आम पसंद हैं पर मिलते नहीं: जुबिन मेहता |

मुझे हापुस आम पसंद हैं पर मिलते नहीं: जुबिन मेहता

मुझे हापुस आम पसंद हैं पर मिलते नहीं: जुबिन मेहता

:   Modified Date:  August 29, 2024 / 08:25 PM IST, Published Date : August 29, 2024/8:25 pm IST

(मनीष सैन)

मुंबई, 29 अगस्त (भाषा) अमेरिका में रह रहे प्रसिद्ध भारतीय ‘संगीत संयोजक (कंडक्टर)’ जुबिन मेहता ने कहा है कि उन्हें क्रिकेट देखना पसंद है और वह अपने दोस्तों के साथ भी लगातार संपर्क में रहते हैं, खाने में मिर्च पसंद है तो वह घर में मिर्च भी उगाते हैं लेकिन एक चीज जो उन्हें पसंद है और खाने को नहीं मिलती वह है हापुस आम।

संगीत के अलावा दुनिया में कुछ ही चीजें हैं जो मेहता को खुशी देती हैं और उन वस्तुओं की सूची में हापुस आम का नाम सबसे ऊपर है।

जुबिन मेहता (88) ने ‘पीटीआई-भाषा’ से बातचीत में यह जानकारी दी।

उन्होंने कहा, ‘‘मुझे आमों की याद आती है। हापुस, अल्फांसो। उन्हें इतनी आसानी से भेजने की अनुमति नहीं है। कभी-कभी मेरे दोस्त कोशिश करते हैं लेकिन सीमाशुल्क विभाग उन्हें तब रोके रखते हैं जब तक वे पूरी तरह से पक न जाएं। मैं क्रिकेट देखता हूं, दोस्तों के संपर्क में रहता हूं।’’

मेहता जब 18 वर्ष के थे तब उन्होंने मुंबई छोड़ दी थी। वह दुनियाभर की यात्रा कर चुके हैं। वे फ्लोरेंस और तेल अवीव के मानद नागरिक हैं और ‘इजराइल फिलहार्मोनिक ऑर्केस्ट्रा’ के आजीवन संगीत निर्देशक हैं। इसके अलावा उन्होंने मॉन्ट्रियल, लॉस एंजिल्स, वियना और बर्लिन आदि जगह पर भी प्रस्तुतियां दी हैं।

वह पिछले सप्ताह मुम्बई के राष्ट्रीय कला प्रदर्शन केंद्र (एनसीपीए) में ‘भारतीय सिम्फनी ऑर्केस्ट्रा’ (एसओआई) का संचालन करने के लिए भारत आए थे।

मेहता ने एक ओर जहां संगीत में अपने सात दशक के करियर में बीथोवन, बाख और ब्राह्म्स जैसे महान रचनाकारों द्वारा रचे गए पश्चिमी शास्त्रीय संगीत पर महारत हासिल करने पर विस्तार से बातचीत की तो वहीं उन्होंने अपनी कई अन्य रुचियों के बारे में भी बात की।

उन्होंने कहा, ‘‘हालांकि मेरा कोई पसंदीदा खेल नहीं है लेकिन मैं हमेशा क्रिकेट देखता हूं और जब भी संभव हुआ, मैंने भारत का समर्थन किया है।’’

लॉस एंजिल्स में 24 घंटे संचालित होने वाले क्रिकेट चैनल ‘विलो’ की बदौलत मेहता इन मैचों को देख पाते हैं।

मेहता ने पूर्व अमेरिकी अभिनेत्री नैन्सी कोवैक से 1969 में विवाह किया था।

जुबिन मेहता को मसालेदार भोजन इस हद तक पसंद है कि उन्होंने एक किचन गार्डन बनाया है जहां वे अपनी पसंदीदा चीज ‘मिर्च’ उगाते हैं।

उन्होंने कहा, ‘‘मैं इसके बिना नहीं रह सकता। मैं इसके साथ बड़ा हुआ हूं, यही मेरा भोजन है। मैं घर पर अपनी मिर्च खुद उगाता हूं, लेकिन अब मुझे मिर्च कहीं भी मिल जाती है।’’

मेहता की मिर्च को लेकर पसंदीदगी का जिक्र उनकी बायोग्राफी ‘द स्कोर ऑफ माई लाइफ’ में भी किया गया है जिसमें सितार सम्राट पंडित रवि शंकर ने बताया कि मेहता को मसालेदार खाना इतना पसंद था कि वह अपने साथ यात्रा के दौरान भी मिर्च का एक डिब्बा साथ रखते थे।

संगीत क्षेत्र के दो दिग्गजों- एक भारतीय शास्त्रीय संगीत के और दूसरे पश्चिमी शास्त्रीय संगीत के, पहली बार 1960 के दशक में मॉन्ट्रियल में मिले थे। शंकर वहां प्रस्तुति देने गए थे और मेहता ‘मॉन्ट्रियल सिम्फनी’ में मुख्य निदेशक थे।

भारतीय और पश्चिमी शास्त्रीय संगीत के दो दिग्गजों के बीच दोस्ती अगली पीढ़ी तक जारी है। अब मेहता और शंकर की बेटी अनुष्का साथ मिलकर काम करते हैं।

मेहता का जन्म 1936 में मुंबई में एक पारसी परिवार में हुआ था। उन्होंने सेंट मैरीज से अपनी स्कूली शिक्षा पूरी की और फिर सेंट जेवियर्स कॉलेज से चिकित्सा की पढ़ाई की। हालांकि उन्होंने पढ़ाई बीच में ही छोड़ दी और संगीत की पढ़ाई करने वियना चले गए थे।

भाषा शोभना देवेंद्र

देवेंद्र

 

(इस खबर को IBC24 टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)