Prashant Bhushan
औरंगाबाद (महाराष्ट्र), 20 दिसंबर (भाषा) वकील और सामाजिक कार्यकर्ता प्रशांत भूषण ने मंगलवार को आरोप लगाया कि सरकार न्यायाधीशों की ”कमजोरियों” का पता लगाने के लिए जांच एजेंसियों का इस्तेमाल कर रही है और उन्हें ”ब्लैकमेल” कर रही है। समाजवादी नेता बापूसाहेब कालदाते की स्मृति में यहां व्याख्यान देते हुए उन्होंने दावा किया कि संविधान के तहत स्वायत्तता प्राप्त संस्थानों पर कब्जा करने का प्रयास किया जा रहा है।
उन्होंने कहा, ‘जब सरकार को लगता है कि एक जज (न्यायाधीश के पद के लिए उम्मीदवार) अपनी बोली नहीं लगाएगा तो वह ऐसे न्यायाधीश को नियुक्त करने की अनुमति नहीं देती है।’भूषण ने कहा कि इससे पहले न्यायाधीशों को सेवानिवृत्ति के बाद आयोगों या अन्य निकायों में नियुक्तियों की पेशकश निर्णय प्रभावित करने के लिए की जाती थी।उन्होंने कहा, ‘लेकिन इस सरकार ने एक नया तरीका अपनाया है। सभी न्यायाधीशों पर एक फाइल तैयार करें। आईबी, आयकर विभाग, प्रवर्तन निदेशालय जैसी जांच एजेंसियों से न्यायाधीशों या उनके रिश्तेदारों की कमजोरियों का पता लगाने के लिए कहें।’भूषण ने दावा किया, ‘‘और अगर ऐसी कोई कमजोरी सामने आती है तो उस जानकारी का इस्तेमाल उस न्यायाधीश को ब्लैकमेल करने के लिए करें…यह अब हो रहा है।’’